वजूखाने के सर्वे, खुदाई की आज मांग करेगा हिंदू पक्ष

  • ज्ञानवापी मामला : हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में देगा प्रार्थना पत्र

-वीएचपी ने ज्ञानवापी में कोर्ट से वजूखाना एरिया में मांगी पूजा की अनुमति

  • मुस्लिम समुदाय से मस्जिद शिफ्ट करने की अपील

नई दिल्ली। ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में एक और प्रार्थना पत्र देगा। इसके माध्यम से परिसर स्थित सील वजूखाने का एएसआई से सर्वे कराने का अनुरोध किया जाएगा। साथ ही कुछ अन्य पुख्ता साक्ष्य एकत्र करने के लिए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि जैसी खोदाई की मांग भी की जाएगी। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे। इसके जरिये सील वजूखाने के वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे का अनुरोध किया जाएगा कि वहां मौजूद स्वयंभू शिवलिंग के बारे में एएसआई सर्वे कर बताए कि उनसे संबंधित वास्तविकता है क्या…?

इधर, ज्ञानवापी को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बड़ा बयान दिया है। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने विवादित वज़ुखाना क्षेत्र में पूजा शुरू करने का निर्देश देने की कोर्ट से मांग की है। एएसआई की रिपोर्ट में सामने आया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर के खंडहरों पर किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने मुस्लिम समुदाय से ज्ञानवापी मस्जिद को सम्मानपूर्वक किसी अन्य उचित स्थान पर बनाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए विवादित जगह को हिंदुओं को सौंप देने की मांग की।

मस्जिद परिसर के अंदर 55 हिंदू देवताओं की मूर्तियां

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किए गए सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कुल 55 पत्थर की मूर्तियां मिलीं। एएसआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें 15 शिवलिंग हैं, विष्णु की तीन मूर्तियां, गणेश की तीन, नंदी की दो मूर्तियां शामिल हैं। साथ ही कृष्ण की दो, और हनुमान की पांच मूर्तियां मिली हैं। वाराणसी जिला अदालत द्वारा एएसआई को यह पता लगाने का काम सौंपा गया था कि क्या मस्जिद एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर बनाई गई थी या नहीं! एएसआई की रिपोर्ट में ये साफ किया गया है कि मंदिर को औरंगजेब के शासनकाल के दौरान 17 वीं शताब्दी में नष्ट कर दिया गया प्रतीत होता है। रिपोर्ट में ये भी है कि तोड़े गए मंदिर के एक हिस्से को ही मस्जिद की मौजूदा संरचना में पुन: उपयोग किया गया। एएसआई रिपोर्ट चार खंडों में है। बता दें कि अदालत द्वारा हिंदू और मुस्लिम वादियों को इसकी प्रतियां सौंपे जाने के बाद गुरुवार को सार्वजनिक कर दी गई।

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मूर्तियां मिलने पर मुस्लिम पक्ष का बयान- कोई बड़ी बात नहीं

ज्ञानवापी से जुड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। ज्ञानवापी परिसर की एएसआई रिपोर्ट पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता एखलाक अहमद का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सर्वे रिपोर्ट में जो फिगर्स हैं, वे मलबे में मिले हैं तो कोई बड़ी बात नहीं है। हमारी एक बिल्डिंग में पांच किरायेदार थे। वे सभी मूर्तियां बनाते थे। जो मलबा होता था, उसे पीछे की तरफ फेंक देते थे।

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