-कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की बुनियाद पर आघात बताया
(फोटो : कांग्रेस)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन चुनाव आयोग ने इंडिया गठबंधन पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया। कांग्रेस ने इसके लिए चुनाव आयोग की जमकर आलोचना की है। उन्होंने इसे अन्याय बताया है जो लोकतंत्र की बुनियाद को आघात कर रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस अपने प्रतिनिधियों को चुनने की स्वतंत्रता का प्रयोग करके अपने भाग्य का निर्धारण करने की लोगों की शक्ति की पुष्टि करता है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘हर साल चुनाव आयोग 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के तौर पर मनाता है। लेकिन, दुख की बात है कि यह स्वतंत्र संस्था ‘इंडिया’ गठबंधन की पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर रही है। ये पार्टियां केवल मतदाताओं द्वारा वोट डालने पर वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर अपनी बात रखना चाहते हैं।’ जयराम रमेश आगे कहा, ‘वीवीपीएटी और कुछ नहीं बल्कि ‘वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ है। चुनाव आयोग का लगातार इनकार करना अन्याय है जो हमारे लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला कर रहा है। मतदाता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनका वोट सटीक तरीके से दर्ज किया गया है।’
30 दिसंबर को लिखी थी चिट्ठी
जयराम रमेश ने पिछले साल 30 दिसंबर को चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने चुनाव आयोग से इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधियों को वीवीपैट पर्चियों पर अपने विचार रखने के लिए मिलने का अनुरोध किया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने वीवीपैट पर जयराम रमेश की चिंताओं को खारिज कर दिया था। आयोग ने जवाबी पत्र में बताया कि मतदाता पर्चियों संबंधी नियम कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 2013 में पेश किए गए थे। इसके बाद जयराम रमेश ने आठ जनवरी को फिर से एक बार आयोग को चिट्ठी लिखकर दोबारा से मिलने के लिए समय मांगा था।
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