-बिहार में सियासी उठापटक तेज, ‘इंडिया’ को एक और झटका
फिर पाला बदलेंगे जदयू चीफ, भाजपा नेतृत्व ने वापसी को दी मंजूरी!
पटना। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। पहले टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया। अब इंडिया गठबंधन को बनाने वाले नीतीश कुमार भी इससे अलग हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार फिर से पाला बदलकर एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नीतीश कुमार की वापसी को मंजूरी दे दी है। चर्चा है नीतीश जल्द ही बिहार विधानसभा भंग कर सकते हैं। इधर, बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है। इस बीच नीतीश कुमार को पाला बदलने से रोकने के लिए लालू प्रसाद यादव एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने नीतीश कुमार से फोन पर बात की है। वहीं, कांग्रेस के शीर्ष नेता भी नीतीश कुमार से संपर्क कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को परिवारवाद को लेकर लालू परिवार पर निशाना साधा था, जिससे बिहार की सियासत में हंगामा मच गया। नीतीश ने कहा था, “आजकल तो लोग अपने परिवार को ही आगे बढ़ाते हैं, लेकिन कर्पूरी जी ने कभी ऐसा नहीं किया। जननायक से सीखकर हमने भी कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। कर्पूरी जी के जाने के बाद हमने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को आगे बढ़ाया। कौन क्या बोलता है, बोलता रहे।”
लालू यादव की बेटी ने दिया था जवाब
नीतीश के कटाक्ष पर लालू की बेटी रोहिणी ने एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट किए। उन्होंने लिखा- “समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह जिसकी बदलती विचारधारा है। ” हंगामा बढ़ने पर रोहिणी ने सभी पोस्ट डिलीट कर दिए।
बिहार में किस पार्टी के पास कितनी सीटें?
बिहार के महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के अलावा सीपीआई(एमएल), सीपीएम और सीएमआई शामिल हैं। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। इस वक्त बिहार विधानसभा में जनता दल के 79, भाजपा- 77, जदयू- 45, कांग्रेस-19, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एमएल-12, एआईएमआईएम-1, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के 4, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के 2, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के 2 और एक निर्दलीय विधायक हैं।
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नीतीश कुमार ने कब-कब बदला पाला
- साल 2014 में नरेंद्र मोदी बीजेपी के पीएम कैंडिडेट चुने गए। इसके विरोध में नीतीश कुमार ने बीजेपी से 15 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया था। उन्होंने कहा था- ‘रहें चाहें या मिट्टी में मिल जाएं, लेकिन आपके साथ हाथ नहीं मिलाएंगे। ‘
- 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने दोबारा पलटी मारी। उन्होंने अपने धुर विरोधी लालू प्रसाद यादव से हाथ मिला लिया। नीतीश फिर सीएम की कुर्सी पर बैठे।
- इसके करीब ढाई साल बाद साल 2017 में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आने के बाद नीतीश ने ‘अंतरआत्मा’ की आवाज सुनते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भाजपा से गठबंधन करके सरकार बना ली।
-फिर 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीते भी। -दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी और राजद, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलाकर सरकार बना ली।
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