देशभर में रामोत्सव, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

00 मुंबई के सायन कोलीवाड़ा इलाके में 10,000 वर्ग फीट में भगवान राम की विशाल रंगोली बनाई गई

00 अयोध्या राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद सैकड़ों दीयों से रोशन हुआ सरयू घाट

00 श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भव्य राम दरबार की झांकी लगाई गई

00 महाकाल में फुलझड़ियों से भी आरती की गई। यहां दिवाली के जैसी सजावट की गई है

00 जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सबसे ऊंचे मंदिर पर युवाओं ने भगवान राम का झंडा फहराया

00 प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु

00 दिल्ली कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया गया, विशेष पूजा हुई


पीएम मोदी ने कहा-त्याग, तपस्या के बाद आए हैं राम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर केवल जीत का नहीं बल्कि विनम्रता का है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर समृद्ध और विकसित भारत के उदय का गवाह बनेगा। उन्होंने कहा कि लंबी प्रतीक्षा, त्याग, तपस्या और सदियों के बलिदान के बाद हमारे राम आज आए हैं। पीएम मोदी ने अपने 36 मिनट के भाषण में कहा, हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले 1,000 साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी इस पल से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।


भागवत बोले-एकजुट रहें, क्योंकि राम राज्य आ रहा

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कहा कि राम राज्य आ रहा है। देश में सभी को मतभेद त्याग कर एकजुट रहना चाहिए। भागवत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकेले ही तप किया है और अब हम सभी को यह करना है। भागवत ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ साथ भारत का आत्म गौरव भी लौटा है। उन्होंने कहा आज का कार्यक्रम नए भारत का प्रतीक है जो खड़ा होगा और पूरी दुनिया की मदद करेगा।

भागवत ने कहा कि रामलला 500 साल बाद कई लोगों की तपस्या की वजह से वापस लौटे हैं। मैं उन लोगों के कठोर परिश्रम और त्याग को शत शत नमन करता हूं।” उन्होंने कहा ‘‘लेकिन राम क्यों गए ? वह इसलिए गए क्योंकि अयोध्या में कलह थी। राम राज्य आ रहा है और हमें सभी मतभेद त्याग कर, कलह खत्म कर छोटे छोटे मुद्दों पर लड़ना झगड़ना बंद करना होगा। हमें अपना अहंकार त्यागना होगा और एकजुट रहना होगा।

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