कुकी संगठन ने सुरक्षाबलों पर लगाए आरोप पुलिस ने भ्रामक बताकर किया इंकार

-मणिपुर में महीनों से चल रही है जातीय हिंसा

(फोटो : मणिपुर)

इंफाल। हिंसाग्रस्त मणिपुर के मोरेह शहर में सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों, विशेष रूप से म्यांमार के घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए अभियान शुरू किया है। इस बीच, कुकी संगठन ने आरोप लगाया है कि सुरक्षाबल उग्रवादियों के साथ मिले हुए हैं। हालांकि, इन आरोपों से मणिपुर पुलिस ने इनकार कर दिया है। मोरेह म्यांमार की सीमा से सटा एक कस्बा है और राज्य सरकार का आरोप है कि पड़ोसी देश के शरारती तत्व पूर्वोत्तर राज्य में समस्या पैदा कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में यहां कई हिंसा की घटनाएं हुई हैं। इस बीच, कुकी संगठन ने आरोप लगाया था कि मोरेह में सुरक्षा बलों ने उग्रवादी गुटों के साथ सहयोग किया है। इस पर पुलिस ने बयान जारी कर इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उसका कहना है, ‘जनजातीय एकता समिति (सीओटीयू) और कुकी इंपी मणिपुर द्वारा लगाए गए यह आरोप कि विद्रोही समूहों का सुरक्षाबल साथ दे रहे हैं, सही नहीं है। आरोप निराधार और भ्रामक हैं।’

यह है मामला

गौरतलब है, 17 जनवरी को मोरह में हुए आतंकी हमले में दो पुलिस कमांडो शहीद हो गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। बता दें, पिछले साल मई से मणिपुर में जातीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है।

जातीय हिंसा से दहल रहा है मणिपुर

गौरतलब है कि मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा से दहल रहा है और 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। मेइतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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‘कुछ लोग मणिपुर को विभाजित करने की कर रहे कोशिश : बीरेन सिंह

राज्य दिवस समारोह को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि भले ही हमें 1972 में ही राज्य का दर्जा दिया गया था, लेकिन मैं उन तत्वों की वजह से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं जो राज्य को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। मणिपुर आज अपना 52वां राज्य दिवस मना रहा है। मणिपुर ने सन् 1972 में राज्य का दर्जा प्राप्त किया था। पूर्वोत्तर राज्य में मेइतेई और कुकी के बीच जातीय हिंसा के कारण जारी तनाव के बीच मणिपुर का राज्य दिवस मनाया जा रहा है। राज्य दिवस समारोह को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, ‘भले ही हमें 1972 में ही राज्य का दर्जा दिया गया था, लेकिन मैं उन तत्वों की वजह से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं जो राज्य को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा सभी सुरक्षा बलों से विनम्र अनुरोध है कि वे इस विशेष मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान केंद्रित करें और निर्दोष लोगों के जीवन की रक्षा करें। इसके अलावा, राष्ट्र के साथ-साथ राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखें।’

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