- भारत से पंगा लेना मोइज्जू को पड़ा भारी
- पर्यटन से जुड़ी सेवाएं देने वाली विभिन्न संस्थाओं का दावा
-सीधी उड़ानों में 20 से 30 प्रतिशत कैंसिलेशन
- देश भर से रोजाना 7 से 8 उड़ानें जाती हैं सीधे मालदीव
नई दिल्ली। मालदीव के लिए भारत से पर्यटन में तीन दिन में करीब 30 प्रतिशत तक गिरावट आ चुकी है। यह दावा पर्यटन से जुड़ी सेवाएं देने वाली विभिन्न संस्थाओं ने किया है। सोमवार को विभिन्न संस्थानों ने इस बारे में जानकारियां साझा कीं। ब्लू स्टार एयर ट्रैवल सर्विसेज के निदेशक माधव ओजा ने भारत से मालदीव के लिए सीधी उड़ानों में 20 से 30 प्रतिशत कैंसिलेशन की जानकारी दी। देश भर से रोजाना 7 से 8 उड़ानें सीधे मालदीव जाती हैं, जिनमें अकेले मुंबई से 3 उड़ानें हैं। माधव ने दावा किया कि इन उड़ानों में 1200 से 1300 यात्रियों को प्रतिदिन मालदीव ले जाने की क्षमता होती है। इनमें कैंसिलेशन सबसे अहम संकेत है कि लोग अपनी यात्रा योजनाएं बदल रहे हैं। सचिन, अक्षय कुमार, अमिताभ बच्चन आदि के बयानों के बाद माधव ने बुकिंग के मौजूदा आंकड़ों में भी 20 प्रतिशत तक कमी का अंदेशा जताया। माधव के अनुसार लोग नई जगहों को तलाश रहे हैं। इसका फायदा लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार को मिलेगा। कई दूसरे अंतरराष्ट्रीय स्थल भी लोकप्रिय हो सकते हैं।
कंपनी दे रही 100% रिफंड
भारत के खिलाफ मालदीव के नेताओं के बयानों से नाराज जो लोग अपनी मालदीव यात्रा रद्द करना चाहते हैं, यात्रा सेवाएं देने वाली कंपनी थ्रिलोफीलिया ने उन्हें 100 प्रतिशत रिफंड देने की घोषणा की है। उन्हें इस प्रक्रिया में पूरा सहयोग भी दिया जाएगा। कंपनी ने बताया कि टिकट पर रिफंड की सुविधा आने वाले महीनों के लिए निर्धारित यात्राएं रद्द करने पर भी दी जा रही है। कंपनी अधिकारी ने कहा-लोग यहां मानसिक शांति के लिए जाते हैं, यह सुनिश्चित करना कंपनी का भी काम है।
मालदीव से 10 गुना सुंदर अंडमान
अंडमान निकोबार द्वीपों की टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व भाजपा नेता मोहन विनोद ने दावा किया कि मालदीव के मुकाबले अंडमान 10 गुना ज्यादा सुंदर और स्वच्छ है। दूसरी ओर भारत इस वक्त दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।
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मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति बोले- मंत्रियों के बयानों पर हमारी सरकार माफी मांगे
मालदीव सरकार के तीन उप मंत्रियों और नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए की गई टिप्पणी के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई है। मालदीव के नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के दो महीने बाद ही इस तरीके की बयानबाजी से छः दशक से ज्यादा पुराने भारत और मालदीव के रिश्ते उस नाजुक मोड़ पर आ गए हैं, जिसने न सिर्फ मालदीव की सियासत में उथल-पुथल मचाई है, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था भी डांवाडोल होने के कगार पर आ गई।
कहा यह जा रहा है कि मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के करीबी हैं। इस वक्त वह चीन के दौरे पर भी है। मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति और पर्यटन मंत्री रहे अहमद अदीब का कहना है, यह जो भी घटनाक्रम हुआ है यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए था। जिन तीन उपमंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीयों पर टिप्पणी की है वह किसी हालत में स्वीकार्य नहीं है। भारत और मालदीव के रिश्ते बहुत पुराने हैं। यह बात नई सरकार को समझनी चाहिए। निश्चित तौर पर इस घटनाक्रम के बाद भारत के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मालदीव की सरकार को चाहिए कि भारत से माफी मांगे। इसके अलावा मालदीव के राष्ट्रपति को व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात भी करनी चाहिए। हालांकि, सरकार ने बयानबाजी करने वाले मंत्रियों को सस्पेंड तो कर दिया गया है।
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