-लाल सागर में नहीं थम रहे हमले
वॉशिंगटन। ईरान के हूती विद्रोहियों का लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाने का मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है। अमेरिका समेत 13 देशों के अंतिम चेतावनी के बाद भी विद्रोहियों ने लाल सागर में वाणिज्यिक शिपिंग लेन पर एक मानवरहित सतह ड्रोन से हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, गाजा युद्ध के मद्देनजर व्यापारिक जहाजों पर अपने हमलों की शुरुआत के बाद से हूतियों द्वारा इस तरह के हथियार का उपयोग करने का यह पहला मामला है। अमेरिका के नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने कहा कि हूती द्वारा कर रहे हमलों में कमी आने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। मानवरहित सतह पोत (यूएसवी) से अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में हमला किया गया, जिसका मकसद स्पष्ट रूप से नुकसान पहुंचाना था। हालांकि, एक रिपोर्ट में कहा गया कि अभी यह नहीं पता चला है कि किसी विशेष जहाज को निशाना बनाया गया था या किसी को बिना नुकसान पहुंचाए विस्फोट हुआ। गौरतलब है, हूती विद्रोही व्यापार की दृष्टि से अहम लाल सागर के शिपिंग लेन में जहाजों को बार-बार हमलों से निशाना बना रहे हैं। उनका कहना है कि वे गाजा में फलस्तीनियों के समर्थन में हैं, जहां इस्राइल आतंकवादी समूह हमास से लड़ रहा है
इन देशों ने भी दी थी चेतावनी
हमलों से एक दिन पहले ही अमेरिका और 12 सहयोगियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर हमलों की निंदा की थी और कड़ी चेतावनी दी थी। बता दें, बयान पर हस्ताक्षर करने वाले अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन थे।
खतरनाक परिणाम होंगे
बयान में देशों ने कहा था, ‘अब हमारा संदेश स्पष्ट है। हम तुरंत इन हमलों को रोकने और गलत तरीके से लिए हिरासत में लिए गए जहाजों तथा चालक दल को रिहा करने का आह्वान करते हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया को हूती खतरनाक परिणामों के जिम्मेदार होंगे।’
पिछले साल एक कार्गो शिप ली थी कब्जे में
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल नवंबर में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने कब्जे में ले लिया था। उनका कहना था कि ये इस्राइल का है। वे इसे यमन के तट पर एक जगह ले गए थे। हालांकि, इस्राइल का कहना था कि न तो ये जहाज इस्राइल का था और न ही इसके क्रू का कोई सदस्य इस्राइली था।
ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल
तीन दिसंबर के बाद से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। इसके लिए उन्होंने यमन के तट पर अपने नियंत्रण वाले इलाके से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज इनकी चपेट में आ गए।
000


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                