-जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर जुटे थे लोग
–रिमोट से किए गए दो धमाके, 170 घायल
केर्मान। ईरान के केर्मान शहर में बुधवार को एक के बाद एक हुए दो धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। यह विस्फोट ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास हुए। राज्य मीडिया के मुताबिक अल-ज़मान मस्जिद के पास हुए विस्फोट में 170 अन्य लोग घायल हो गए। केर्मान के डिप्टी गवर्नर ने इसे एक आतंकी हमला करार दिया है। ऑनलाइन जो वीडियो प्रसारित किया गया है, उसमें सड़क पर कई शव दिखाई दे रहे हैं। ईरानी मीडिया के मुताबिक कब्रिस्तान की ओर जाने वाली सड़क पर गैस कनस्तरों में विस्फोट हुआ। केमॉन प्रांत के रेड क्रिसेंट के प्रमुख रेजा पल्लाह ने बताया कि राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। हमले में घायलों को बाहर निकाला जाता रहा है।
2020 में ईराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल सुलेमानी की बुधवार को चौथी बरसी थी। ऐसे में उनकी याद में एक समारोह के तौर पर बुधवार को सैकड़ों लोग सुलेमानी की कब्र की ओर जा रहे थे, उसी वक्त यह हमला हो गया। बता दें की सुलेमानी को ईरान में सर्वोच्च नेता अयातुलला अली खामेनेई के बाद सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के तौर पर देखा जाता था।
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हर तरफ चीख-पुकार मच गई
पहला धमाका साहेब अल-जमान मस्जिद के पास हुआ। इसके थोड़ी देर बाद ही दूसरा विस्फोट भी हुआ। धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। घटनास्थल पर धुएं का अंबार देखा गया। थोड़ी ही देर में इलाका मृतकों और घायलों से पट गया। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। यह वही जगह है, जहां कासिम सुलेमानी को दफनाया गया था।
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भगदड़ में भी कई लोग घायल हुए
दावा किया गया कि कासिम सोलेमानी की कब्र के पास धमाके हुए। हालांकि, विस्फोट के कारण के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। विस्फोटों के बाद मची भगदड़ में भी कई लोग घायल हुए हैं। बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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सुलेमानी ने बनाई थी ईरानी नीति
रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी ऑपरेशन शाखा, कुद्स फोर्स के कमांडर के रूप में सुलेमानी ने ही पूरे मिडिल ईस्ट में ईरानी नीति बताई थी। वह कुद्स फोर्स के गुप्त मिशनों और हमास और हिजबुल्लाह सहित सहयोगी सरकारों और सशस्त्र समूहों को हथियार, धन, रसद और खुफिया मदद उपलब्ध कराते थे। सुलेमानी की हत्या का आदेश 2020 में डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था। उन्होंने सुलेमानी को दुनिया का नंबर एक आतंकी बताया था।
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