सेबी की जांच में सुप्रीम कोर्ट का दखल से इंकार, अदाणी बोले-सत्यमेव जयते

–शीर्ष न्यायालय ने हिंडनबर्ग केस में सुनाया अपना फैसला, सेबी को दिए तीन माह

इंट्रो

अदाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। पिछले साल जनवरी 2023 में हिडंनबर्ग की रिपोर्ट से जो बवंडर खड़ा हुआ था, वो इस साल जनवरी में अब खत्म होता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर लगे आरोपों की जांच को सीबीआई या किसी एसआईटी से कराने की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले की जांच सेबी ही करेगी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों से जुड़े दो लंबित मामलों पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अपनी जांच तीन माह के भीतर पूरी के निर्देश बुधवार को दिए। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह सेबी की जांच करने की शक्ति को नियंत्रित नहीं कर सकती। पीठ ने साथ ही कहा कि सेबी ने अडाणी समूह पर आरोपों से जुड़े 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है। उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि मामले के तथ्यों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच का जिम्मा विशेष जांच दल या अन्य एजेंसियों को सौंपा जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया जिनमें आरोप लगाया गया था कि अडाणी समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी की गई है। प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमन क्षेत्र में शीर्ष अदालत की शक्ति सीमित है। ये जनहित याचिकाएं वकील विशाल तिवारी, एम एल शर्मा, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जायसवाल ने दाखिल की थीं और अदालत ने इन पर फैसला पिछले वर्ष 24 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था। अडाणी समूह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों का पालन करता है।

इससे पहले बीते 24 नवंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी की जांच और एक्सपर्ट्स कमेटी पर उठाए जा रहे सवालों को नकारते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था। गौरतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने साल 2023 में जनवरी के ही महीने में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें अडानी की कंपनी के शेयर ओवरवैल्यूएड होने और कीमतों में हेरफेर समेत समूह पर कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे।

जांच ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं

तीन जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले में जांच स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है। इसे केवल तभी उठाया जा सकता है, जब नियमों का जानबूझकर उल्लंघन किया गया हो। कोर्ट ने ओसीसीपीआर रिपोर्ट पर निर्भरता को भी खारिज करते हुए कहा कि बिना किसी सत्यापन के थर्ड पार्टी ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट पर प्रमाण के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि सरकार और सेबी भारतीय निवेशकों के हित को मजबूत करने के लिए समिति की सिफारिशों पर विचार करेंगे।

फैसले की अहम बातें

00 अदाणी ग्रुप पर सिक्योरिटीज नियमों के उल्लंघन के लगे आरोपों की जांच को सेबी से लेकर एसआईटी सौंपने का कोई मामला नहीं बनता है। यानी यह जांच सेबी के पास ही बनी रहेगी।

00 कोर्ट ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ बाकी बची 2 जांच को 3 महीने के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है।

00 कोर्ट ने कहा-बस किसी थर्ड-पार्टी की रिपोर्ट या किसी न्यूज रिपोर्ट के आधार पर सेबी की जांच शुरू करने का रिक्वेस्ट नहीं किया जा सकता है।

00 कुछ याचिकाकर्ताओं ने इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एक्सपर्ट्स पैनल के सदस्यों पर हितों के टकराव का मामला बनाया था, लेकिन कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया।

अदाणी बोले ‘सुप्रीम कोर्ट की जीत हुई’

गौतम अदाणी ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया है। अदाणी ने एक ट्वीट में कहा, माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। जय हिंद।

फैसले का ऐसा असर

इस फैसले के चलते सुबह से ही अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में तूफानी तेजी रही। फैसले से पहले इसके शेयरों में तेजी 14 फीसदी तक पहुंच गई थी। हालांकि फैसले के बाद इसमें थोड़ी गिरावट आई। कारोबार के अंत में इसकी सबसे प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के शयेर 2 फीसदी बढ़ कर बंद हुए। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस सबसे अधिक 11.5 पर्सेंट बढ़कर बंद हुआ। जबकि अदाणी पावर और बाकी शेयेरों में 4 से 10 फीसदी की तेजी रही।

कांग्रेस बोली- सेबी के प्रति ‘असाधारण तरीके से उदारता’

कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अदाणी समूह के लेनदेन से जुड़े कुछ मामलों पर उच्चतम न्यायालय का फैसला सेबी के लिए ‘असाधारण तरीके से उदार’ साबित हुआ है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सांठगांठ वाले पूंजीवाद तथा मूल्यों, रोजगार पर उसके बुरे प्रभावों के खिलाफ पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह को बड़ी राहत देते हुए, समूह द्वारा शेयर मूल्य में हेराफेरी किए जाने के आरोपों की जांच विशेष जांच दल से कराने से बुधवार को इनकार कर दिया। न्यायालय ने साथ ही बाजार नियामक सेबी से दो लंबित मामलों की जांच तीन माह के भीतर करने के निर्देश दिए।

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