देश के कई राज्यों के पेट्रोल पंपों में ईंधन भंडार खत्म

10 राज्यों में ज्यादा असर, जनजीवन प्रभावित

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बुलाई आपात बैठक

ट्रक चालकों की हड़ताल के मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन का भंडार खत्म हो गया। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने ट्रक चालकों की हड़ताल की आशंका के मद्देजनर देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है। इन राज्यों में ईंधन का भंडार खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है जिससे कई पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर है और हैदराबाद में कुछ पंपों को छोड़कर आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है। अगर तीन दिन की हड़ताल का समय बढ़ाया जाता है या अखिल भारतीय आंदोलन शुरू होता है तो सब्जियों, फलों और दूध जैसे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।

ड्राइवरों को नए कानून से ऐसे मिलेगी राहत

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि एक वाहन चालक जो गलती से किसी व्यक्ति को टक्कर मार देता है और बाद में पुलिस को उस बारे में सूचित करता है या पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाता है, उस पर हाल ही में बनाए गए भारतीय न्याय संहिता के कड़े प्रावधान के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। यदि वाहन चालक को डर है कि दुर्घटना स्थल पर रुकने पर उस पर हमला किया जाएगा, तो वह निकटतम पुलिस थाने जा सकता है या पुलिस या टोल फ्री आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 108 पर कॉल कर सकता है और दुर्घटना के बारे में सूचित कर सकता है। ऐसे मामलों में वाहन चालक को बस पुलिस को गाड़ी का नंबर, संपर्क विवरण देना होगा और बताना होगा कि जरूरत पड़ने पर वह जांच में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कानून के कड़े प्रावधान लागू नहीं होंगे।

ऐसे ड्राइवरों पर होगी सख्ती

जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस वर्ष तक की अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माना भी लगाया जाएगा। नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे और सड़कों से दूर रहने वाले कुछ ट्रक चालकों की आशंकाओं को “गलत” बताकर खारिज करते हुए पदाधिकारी ने कहा कि ‘हिट-एंड-रन’ मामलों का प्रावधान केवल उन वाहन चालकों पर लागू होगा, जो पुलिस को बिना बताए भागने की कोशिश करेंगे।

नए कानून में क्या

बीएनएस की उपधारा 106 (1) और उपधारा 106 (2) यह स्पष्ट करती है कि यदि व्यक्ति लापरवाही से गाड़ी चलाने से हुई मौत की सूचना घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को देता है, तो उस पर उपधारा 106(2) के स्थान पर उपधारा 106(1) लगाई जाएगी। उपधारा 106 (1) में पांच साल तक की सजा का प्रावधान है, जबकि उपधारा 106(2) में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इन नए सख्त प्रावधानों के खिलाफ ट्रक चालकों ने कई राज्यों में हड़ताल की। हिट एंड रन मामलों में सजा को 10 साल तक बढ़ाने का नया प्रावधान उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद तैयार किया गया है।

गृह सचिव ने ली बैठक

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ गृह सचिव अजय भल्ला की बैठक शुरू हुई। हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ ट्रकों की हड़ताल को लेकर यह बैठक हो रही है। इस हड़ताल की वजह से देश के कई पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की लंबी लाइनें लगी हुई है।

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