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नई दिल्ली। चीन में रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इससे अस्पतालों में भर्ती हो रहे बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है। हालांकि, इस बीमारी को लेकर भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि चीन में एच9एन2 के मामलों और बच्चों में तेजी से फैल रही सांस की बीमारी पर बारीकी से नजर रख रहा है। चीन में सामने आ रहे एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों के साथ-साथ फैल रही सांस की बीमारी का फिलहाल भारत में कम खतरा है। भारत किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तरी चीन में H9N2 के प्रकोप और बच्चों में सांस से जुड़ी बीमारियों के समूहों पर करीब से नजर रख रहा है। मंत्रालय ने कहा, चीन में रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा और सांस की बीमारियों के समूहों से भारत के लिए कम जोखिम है। भारत चीन में इन्फ्लूएंजा की स्थिति से उभरने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
मरीजों की बढ़ रही संख्या
बता दें, यह चिंताजनक स्थिति कोविड संकट के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है। स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है। इस बीमारी से अधिकतर बच्चे शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अलर्ट कर चुका है। वह पहले ही चीन से अधिक जानकारी देने को कह चुका है।
पिछले तीन वर्षों में वृद्धि
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले तीन वर्षों की इसी अवधि की तुलना में चीन में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि कोविड-19 उपायों को हटाने अर्थात् इन्फ्लूएंजा और सामान्य जीवाणु संक्रमण के प्रसार के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जो माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित बच्चों को प्रभावित करते हैं।
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