—36 फर्जी कंपनियां बनाई, शिकायत के दो साल बाद कार्रवाई में खुला राज
—ईओडब्ल्यू ने की बड़ी कार्रवाई, 80 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
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इंट्रो
कारोबारी ने 10 करोड़ रुपए का टैक्स बचाने 200 करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया। फर्जीवाड़ा करने के लिए 36 फर्जी कंपनियां बनाई गई थीं। ईओडब्ल्यू में दो साल पहले की गई शिकायत पर हुई कार्रवाई में अब 200 करोड़ रुपए के घोटाला का पर्दाफाश हुआ है। यह मामला मप्र के उज्जैन का है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने घोटाले में अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और 36 फर्जी फर्मों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में बुधवार को 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
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भोपाल। ईओडब्ल्यू ने बुधवार को उज्जैन में बड़ी कार्रवाई करते हुए 39 फर्जी कंपनियों और 80 लोगों पर दो अरब के घोटाले का मामला दर्ज किया है। आरोपियों ने 10 करोड़ रुपये का टैक्स बचाने के लिए फर्जी कंपनियों के नाम से रजिस्ट्रेशन करवाया था। दो साल पहले इंदौर के एक व्यापारी ने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू उज्जैन से की थी। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने 80 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। ईओडब्ल्यू ने कहा कि जल्द ही जांच पूरी कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
ईओडब्ल्यू इकाई निरीक्षक अनिल शुक्ला ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि साल 2019 में शिकायत मिली थी कि नीमच स्थित कंपनी अग्रवाल सोया एक्सट्रेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी धामनिया के द्वारा टैक्स चोरी की जा रही है। बताया गया कि इस कंपनी के मालिकों द्वारा खल और तेल के व्यापार की आड़ में अब तक 2 अरब रुपए का घोटाला किया गया है। जब कार्रवाई की गई तो टैक्स चोरी की शिकायत सही पाई गई कार्रवाई करते हुए अग्रवाल सोया कंपनी के मालिक गोपाल सिंघल, दीपक सिंघल सहित 80 लोगों के खिलाफ 36 फर्जी कंपनियां बनाने और लगभग 2 अरब का घोटाला करने का प्रकरण दर्ज किया गया है।
2 साल पहले की थी शिकायत
2 साल पहले आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में बताया गया था कि नीमच की अग्रवाल सोया कंपनी ने 3 दर्जन से अधिक बोगस फॉर्म बनाकर 10 करोड़ की टैक्स चोरी कर, लगभग 2 अरब का घोटाला किया है। इससे शासन को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है। शिकायत के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही थी। ईओडब्ल्यू ने कार्यवाही करते हुए 80 फार्मा और उसके संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। विभाग की ओर से पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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शिकायत करने वाला भी फंसा
इस पूरे मामले की शिकायत इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक कपिल ने की थी। उन्होंने यह शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में साल 2017 मे की थी। मजेदार बात यह है कि इस कार्रवाई में खुद शिकायतकर्ता भी फंस चुका है, क्योंकि बोगस कंपनी मे उनका नाम भी शामिल है।
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ऐसे किया गया फजीर्वाड़ा
इन फर्जी कंपनियों के संचालकों ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 तक की अवधि में षडयंत्र कर कूटरचित बिल, इनवॉईस, बिल्टी, तोल रसीदे आदि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सोयाबीन, सोयाबीन डीओसी और सोयाबीन तेल का 1 अरब से अधिक का फर्जी व्यापार करना दर्शाकर बेईमानी कर करीब 10 करोड़ का टैक्स क्रेडिट अवैध रुप से प्राप्त कर लिया। इससे शासन को करीब 10 करोड़ रुपए राजस्व आर्थिक नुकसान हुआ। इस मामले की जांच में सीजीएसटी उज्जैन द्वारा भी जांच की जा रही है। इस पूरी जांच के दौरान सीमा शर्मा सहायक लोक अभियोजन अधिकारी इकाई उज्जैन के साथ अनिल कुमार शुक्ला निरीक्षक सहायक, उप निरीक्षक अशोक राव, प्रधान आरक्षक गौरव जोशी ने टीम बनाकर काम किया है।
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ईओडब्यू ने इन कंपनियों पर की कार्रवाई
ईओडब्यू द्वारा गोपाल सिंघल, शालिनी सिंघल, दीपक सिंघल, नवनीत गर्ग ने अपनी कंपनी अग्रवाल सोया एक्स्ट्रेक्ट प्रायवेट लिमिटेड नीमच के संचालक के रुप में फर्जी ट्रांसपोर्ट नारायण फाईट केरियर 35 आदर्श नगर इंदौर के प्रोपाईटर व अन्य के साथ फर्म के संचालक एवं जीएसटीआईएन के धारक (कपिल ट्रेडिंग कंपनी), (गुरु कृपा इंटरप्राईजेस), एके कापोर्रेशन कलिंगा ओवरसीस, सनलाईट इंटरनेशनल, सुपर सोपी मार्ट, निमिष इंटरप्राईजेस, अमर ज्योति इंटरप्राईजेस, श्री मित्तल कापोर्रेशन, समृद्धि ट्रेडर्स, श्रीनाथ कापोर्रेशन, जीवन गर्ग ओवरसीज, लॉजिक इंडिया, हेन्ज ट्रेड लिंक्स, ग्रीन इंडस्ट्रियल, आरआर इंटरप्राईजेस, ओम इंटरप्राईजेस, मेहुल ट्रेडर्स, राम ट्रेडिंग, आशीर्वाद इंटरनेशनल, आरके इंटरप्राईजेस, सूर्य किरण ट्रेडिंग कंपनी, श्री गणपति इंटरप्राइजेस, भारत सेल्स, अग्रवाल इंटरप्राईजेस, सुमित्रा ट्रेडिंग कंपनी, ओम ट्रेडिंग कंपनी, एमेज इंटरप्राईजेस, दिव्य ज्योति इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एसडीएम एग्रो इंडस्ट्रीज, आशो कुमार रामानंद, कीर्ति ट्रेडर्स, एमएस कॉपोर्रेशन, श्री शांती इंटरप्राईजेस, सांईनाथ इंटरप्राईजेस, मां शीतला ट्रेडर्स द्वारा अग्रवाल सोया एक्स्ट्रेक्ट प्रायवेट लिमिटेड कंपनी धामनिया नीमच की कंपनी और उसके संचालकों पर कार्रवाई की है।
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