- इजराइल का जहाज समझा था, लेकिन वह निकला ब्रिटेन का
-जंग में फिलीस्तीन-हमास का समर्थन कर रहा है यमन का यह विद्रोही संगठन
- यह जहाज अंतर्राष्ट्रीय नागरिक दल के साथ तुर्की से भारत के लिए हुआ था रवाना
(फोटो : हूती1,2)
नई दिल्ली। इजराइल और हमास के युद्ध के बीच अब यमन के हूती आतंकियों की एक नापाक हरकत सामने आई है। खबर है कि यमन के हूती आतंकियों ने रविवार को लाल सागर में 25 क्रू मेंबर वाले एक जहाज पर कब्जा किया। शायद उन्होंने इसे इजराइल का जहाज समझकर पकड़ा, लेकिन हकीकत में जहाज ब्रिटेन का है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस जहाज पर कब्जा किया गया है वह ब्रिटिश कंपनी के रजिस्ट्रेशन वाला है। जहाज का नाम गैलेक्सी लीडर है। वर्तमान में इसे जापानी कंपनी को लीज पर दिया गया था। हूती विद्रोहियों ने जब इस पर कब्जा किया उस समय जहाज पर कोई इजराइली सवार नहीं था बल्कि कई अलग अलग देश जैसे यूक्रेन, बुल्गारिया, फिलीपींस और मैक्सिकों आदि के क्रू मेंबर सवार थे। यह जहाज अंतर्राष्ट्रीय नागरिक दल के साथ तुर्की से भारत के लिए रवाना हुआ था।” इजराइली डिफेंस फोर्स ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा- “दक्षिण लाल सागर में यमन के पास हूतियों की ओर से कार्गो शिप का अपहरण वैश्विक स्तर पर एक बेहद गंभीर घटना है। यह एक ऐसा जहाज है, जिस पर एक भी इजराइली नहीं है।
हूती आतंकियों की धमकी
यमन के हूती आतंकियों ने इस हरकत से पहले इजराइली जहाजों को लेकर धमकी जारी की थी। अब्दुल मलिक अल-हूती ने धमकी में कहा था कि वह लोग इजराइली कंपनियों के स्वामित्व वाले या उनकी ओर से चलाए जाने वाले जहाजों को निशाना बनाने वाले हैं। उन्होंने कहा था जिस भी जहाज पर इजराइल का झंडा लगा होगा, उसे जलाया जाएगा। हूती आतंकियों की इन्हीं धमकियों के कुछ दिन बाद जहाज पर कब्जा हो गया।
हमास ने किया धन्यवाद
इस जहाज के हाईजैक होने के बाद हमास के ओसामा हमदान ने भी प्रतिक्रिया दी। उसने कहा, “यमनी विद्रोही संगठन हूती की ओर से यह एक सराहनीय कदम है। मेरा मानना है कि इजराइल द्वारा गाजा में किया गया अपराध हर वफादार को फिलीस्तीनी लोगों की रक्षा और समर्थन करने के लिए उत्सुक बनाता है। उन्हें मेरी शुभकामनाएँ। लेबनान और इराक में लोगों ने इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन सभी लोगों का शुक्रिया जो अरब मुल्कों और दूसरे इस्लामी देशों में इजराइली अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतरे।”
उल्लेखनीय है कि हमास आतंकियों पर कार्रवाई करने के कारण दुनिया भर के कट्टरपंथी इजराइल से नाराज हैं। हाल में भारत में तैनात इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन को भी धमकियाँ दी गईं। हालाँकि देश के खुफिया विभाग ने ये जानकारी होने पर धमकी भरे पत्रों की जाँच की बात कही और साथ ही एंबेसी की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने को कहा। इसके बाद राजदूत व इजराइल एबेंसी की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया।
यह है हूती मिलिशिया ग्रुप
हूती एक जैदी शिया मुस्लिम विद्रोही संगठन है, जो 1990 के दशक में हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती के नेतृत्व में, समूह पूर्व यमनी राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के विरोध के रूप में उभरा. उन्होंने अब्दुल्ला सालेह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और सऊदी अरब व अमेरिका समर्थक होने के लिए उनकी आलोचना की. हूती समूह सुन्नी-प्रभुत्व वाली सरकार का विरोधी है और 2004 से यमनी सरकार के साथ छह युद्ध लड़ चुका है। हूती विद्रोही समूह ने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और वहां की चुनी हुई सरकार को निर्वासन के लिए मजबूर कर दिया। तब से, वे सऊदी के नेतृत्व वाले सुन्नी अरब देशों के गठबंधन के खिलाफ गृह युद्ध लड़ रहे हैं।
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