चंद्रयान-3 के राॅकेट का हिस्सा धरती पर लौटा

प्रशांत महासागर में गिरा

नई दिल्ली। चंद्रयान-3 को धरती के ऊपर 133 केएम एक्स 35,823 केएम की ऑर्बिट में डालने वाला क्रायोजेनिक अपर स्टेज वापस लौटा और उत्तरी प्रशांत महासागर में अमेरिका के पास गिरा। इस हिस्से ने ही चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को ऊपर बताई गई कक्षा में डाला था। तब से उसी ऊंचाई पर धरती के चारों तरफ चक्कर लगा रहा था। धीरे-धीरे वह पृथ्वी के नजदीक आ रहा था। इसरो ने बताया कि 15 नवंबर 2023 की देर रात पौने तीन बजे के आसपास यह हिस्सा अमेरिका के तट से दूर उत्तरी प्रशांत महासागर में यह गिरा। नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (नोराड) ही इसे ट्रैक कर रहा था। उसने ट्रैकिंग के बाद इसरो से बातचीत करके अंतरिक्ष से धरती पर आने वाली वस्तु की पहचान की। इसरो ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है।

124 दिन लगे

इसरो ने इंटर-एजेसी स्पेस डेबरी कॉर्डिनेशन कमेटी से कहा कि यह बात तय थी कि धरती के निचली कक्षा से किसी भी चीज को वापस लौटने में करीब 124 दिन लगते हैं। एलवीएम-3 एम4 रॉकेट का यह हिस्सा भी लगभग उतने ही दिनों में धरती पर लौटा है। इसरो ने बताया कि धरती पर लौटते समय इस हिस्से यानी क्रायोजेनिक अपर स्टेज से किसी को नुकसान न हो इसलिए अंतरिक्ष में ही इसका पैसिवेशन कर दिया गया था। यानी फ्यूल निकाल दिया गया था

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