—टनल में फंसे 40 श्रमिकों को बचाने की जद्दोजहद
—वायुसेना के विमानों से लाई गई भारी ऑगर मशीन
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा-बड़कोट टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने की कोशिशें जारी हैं। बचाव दल अब फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए टनल के अंदर 900 मिमी पाइप लगाकर रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। टनल के अंदर फंसे मजदूरों का हिम्मत जवाब दे रही है। बताया जा रहा है कि 2 मजदूरों की तबीयत भी खराब हो गई, जिसमें एक को उल्टी और चक्कर आया। एक को सिरदर्द की शिकायत के बाद प्रशासन ने कंप्रेसर के जरिए दवा उपलब्ध कराई है। इस बीच, ऐसी खबर है कि अभी श्रमिकों के बाहर आने के लिए 24 घंटे का इंतजार करना होगा।
भूस्खलन और तकनीकी कारणों से पड़ी अड़चन के बाद बुधवार को दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लायी गयी । सुरंग में मंगलवार रात को ताजा भूस्खलन के कारण मलबे में बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालकर ‘एस्केप टनल’ बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए स्थापित की गयी ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी जिससे बचाव कार्य में बाधा आयी। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि भारी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को दो हिस्सों में दिल्ली से भारतीय वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाईअडडे पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां से इसे सड़क मार्ग से सिलक्यारा लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिलक्यारा पहुंचते ही इसके दोनों हिस्सों को जोड़ा जाएगा और फिर इसे सुरंग के अंदर प्लेटफार्म पर रखकर ड्रिलिंग शुरू की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कवायद तेजी से की जा रही है।
ऑगर मशीन लाई गई
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अंशु मनीष खाल्खो ने बताया कि करीब 25 टन की अत्याधुनिक और भारी ऑगर मशीन मंगलवार को सुरंग में स्थापित की गई मशीन की जगह लेगी। इस भारी आगर मशीन की भेदन क्षमता बहुत ज्यादा है और इस मशीन के जरिए एक घंटे में चार-पांच मीटर तक मलबे के अंदर भेदा जा सकता है। से ही मशीन आएगी, हम उसे स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे और चार-पांच घंटों में इससे ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी।
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परिजनों में गुस्सा, विरोध प्रदर्शन
श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में हो रही देरी के विरोध में उनके परिजनों ने निर्माणाधीन सुरंग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मलबे के अंदर ड्रिलिंग कर पाइपों से ‘एस्केप टनल’ तैयार करने के लिए मंगलवार को स्थापित की गई मशीनों के काम न करने पर उसके स्थान पर कोई वैकल्पिक योजना न होने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जताया।
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अधिकारियों का दावा, सभी श्रमिक सुरक्षित
इधर, अधिकारियों ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के जरिए लगातार ऑक्सीजन, पानी, सूखे मेवे सहित अन्य खाद्य सामग्री, बिजली, दवाइयां आदि पहुंचाई जा रही है। उधर, पिछले तीन दिनों से अधिक समय से फंसे श्रमिकों के परिजन अब अपना धैर्य खोते जा रहे हैं।
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