- दिल्ली के जानेलवा प्रदूषण पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
-दिल्ली सहित अन्य राज्यों को लगाई फटकार, कहा, हर हाल में रुके पराली जलाना
-केजरीवाल सरकार की ऑड-ईवन स्कीम को कहा महज दिखावा
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण जहरीली हो चुकी हवा से जीना मुहाल हो रहा है। हर साल की तरह, इस वर्ष भी सुप्रीम कोर्ट सीन में आ गया है। वहां इस मामले पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट कड़े तेवर दिखा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सरकारें क्या करेंगी, कैसे करेंगी, इससे हमें मतलब नहीं, बस पराली जलाना रुकना चाहिए। उधर, सरकार का पक्ष रख रहे सीनियर वकील गोपाल एस ने बताया कि इस वर्ष पराली जलाने की घटना में 40% की कमी आई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे काम नहीं चलेगा, पराली जलाना पूरी तरह बंद करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के ऐसे हालात कायम नहीं रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है, अगर हमने बुल्डोजर चलाना शुरू कर दिया तो रुकेंगे नहीं।
यूं ही नहीं घुटती रह सकती है दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने आईआईटी, कानपुर की एक स्टडी का हवाला देकर बताया कि प्रदूषण के मुख्य स्रोत क्या-क्या हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की प्रथा पूरी तरह रुकनी चाहिए। आज राज्यों के पास कोई बहाना नहीं बचा है।
हर हाल में रुके प्रदूषण
सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि समस्या पराली जलाने से नहीं है। कई देशों में पराली जलाई जाती है। उधर, पंजाब के एजी ने कहा कि 50-20 दिन तक ही समस्याएं होती हैं। तब जस्टिस कौल ने कहा कि यह टाइमिंग की अजीब समस्या है, लेकिन मुझे लगता है कि इसे लेकर कोई गंभीरता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम बिल्कुल परवाह नहीं कि आप कैसे करते हैं, बस यह रुकना चाहिए।
केजरीवाल सरकार की खिंचाई
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को भी जिम्मेदार होना पड़ेगा। दिल्ली में ऐसी तमाम बसें धड़ल्ले से दौड़ रही हैं, जो मनमानी प्रदूषण फैलाती हैं. इस समस्या पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उच्चतम न्यायालय ने प्रदूषण से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार की ऑड ईवन स्कीम को महज दिखावा करार दिया। अदालत ने कहा कि गाड़ियों के लिए ऑड-ईवन जैसी स्कीम बस दिखावा भर हैं. इसका कोई खास लाभ नहीं है।
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दिल्ली सरकार की सफाई
उधर, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का बयान भी आया है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का अध्ययन करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में गोपाल राय ने कहा कि अब हमने तय किया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेंगे सुप्रीम कोर्ट के जो भी सुझाव और आदेश आएंगे, हम उन्हें शामिल करेंगे और उसी के अनुरूप पॉलिसी बनाएंगे।
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भूपेश बोले- जीतेंगे पहले से ज्यादा सीट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पहले चरण में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के 14 सीट जीतने के दावे पर तंज कसते हुए कहा, फेंकना है, तो ज्यादा फेक लेते। उसकी खुद की सीट नहीं बच रही है। पिछले समय हम 17 सीट जीते थे, इस समय उससे भी ज्यादा जीतेंगे। शांतिपूर्वक मतदान हो रहे हैं। हमने ऋण माफी किया है, फिर से घोषणा की है। 3200 रुपए धान और 200 यूनिट बिजली फ्री की घोषणा से लोग प्रभावित हैं, इसीलिए मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा, फर्स्ट टाइम वोटर भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। हमारी सीट 18 या 19, धोखे से भाजपा की एकाध सीट आ सकती है। 15 साल मौका मिला था। आदिवासियों की जमीन छीनकर उद्योगपतियों को दे दिया। आदिवासियों को नक्सलाइट बताकर जेल के अंदर ठूस दिया, एनकाउंटर कर मार दिया। यह बात आदिवासी भूले नहीं हैं, हमारे कार्यकाल में आदिवासी निश्चिंत होकर घूम रहे हैं। नक्सली सिमट गए हैं, इनके राज में नक्सलियों का राज था। अब बस्तर भी शांति की ओर लौट रहा है।
नक्सली हमले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, पहले ज्यादा हमले होते थे, अभी कम हुआ है, यह भी नहीं होना चाहिए। छिटपुट घटना से मतदान में फर्क नहीं पड़ेगा। अंदरूनी की इलाकों में पहली बार मतदान केंद्र बनने को लेकर उन्होंने कहा, निर्वाचन आयोग में अंदरूनी क्षेत्र में मतदान केंद्र बनाया है। यह सबसे बड़ा प्रमाण है कि हमने बस्तर में शांति बहाली की है।
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