राज्य प्रायोजित हमले का सबूत पेश करे एप्पल

-केंद्रीय सूचना मंत्रालय ने मोबाइल कंपनी को भेजा नोटिस

  • फोन को दूर से एक्सेस करने और संवेदनशील डेटा लीक के अंदेशे का भी पूछा आधार
  • 31 अक्टूबर को कई विपक्षी नेताओं ने लगाया था आरोप

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार को मोबाइल कंपनी एप्पल को एक नोटिस भेजा, जिसमें ‘राज्य-प्रायोजित हमले’ के दावे का सबूत पेश करने को कहा गया। मंत्रालय ने एप्पल से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया मांगी है। जानकारी के मुताबिक आईटी मंत्रालय ने एप्पल अधिकारियों से जवाब मांगा है, साथ ही पूछा कि क्या ये हमला ‘राज्य प्रायोजित’ था। मंत्रालय ने एप्पल से उसके इस निष्कर्ष का आधार भी पूछा कि फोन को दूर से एक्सेस किया जाएगा और संवेदनशील डेटा लीक हो जाएगा। दरअसल 31 अक्टूबर को तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आप के राघव चड्ढा, कांग्रेस के शशि थरूर और उनकी पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा आदि ने इसको लेकर आरोप लगाया था। उन सभी का आरोप था कि उनके आईफोन में छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई, साथ ही इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इससे संबंधित स्क्रीनशॉट एक्स पर शेयर किया।

एप्पल ने यह भेजा था मैसेज

राघव चड्ढा ने भी एक स्क्रीनशॉट शेयर किया था, जिस एप्पल का मैसेज दिख रहा था। उसमें लिखा था कि अगर आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कम्युनिकेशन, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं। साथ ही कंपनी ने उस मैसेज को गंभीरता से लेने को कहा। कॉन्ग्रेस नेता पवन खेड़ा तो एप्पल मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर कर ये तक कह गए, “मोदी सरकार, आप ऐसा क्यों कर रहे हो।” यही नहीं इन सांसदों और नेताओं ने अपने संबंधित एक्स हैंडल पर एप्पल की ओर से आए कथित नोटिफिकेशन के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए। विपक्ष ने बुधवार (1 नवंबर 2023) को एप्पल अलर्ट मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। महुआ मोइत्रा ने इसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा। उन्होंने इसकी जाँच के लिए आईटी की स्थायी संसदीय समिति की बैठक बुलाने की माँग की।

भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

भाजपा ने विपक्ष की बात को सिरे से नकारते हुए जॉर्ज सोरोस के फंडिंग वाले एक्सेस नाउ और आईफोन नोटिफिकेशन के बीच लिंक होने का इशारा किया था। बीजेपी ने कहा था कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी सब कुछ छोड़कर इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने को उतावले हो गए।

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जल्द पता चलेगी सच्चाई : आईटी मंत्रालय

आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एप्पल ने ऐसे मैसेज अलर्ट्स को लेकर 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। अब इसी बात पर कायम रहते हुए उनके मंत्रालय ने एप्पल से जवाब तलब किया है। मामले में मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि नेताओं द्वारा उठाई गई सभी साइबर सुरक्षा चिंताओं की जांच की जा रही है। जल्द ही सच्चाई पता चल जाएगा। गौरतलब है कि गुरुवार (1 नवंबर 2023) को आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा था कि विपक्षी दलों के सांसदों ने एप्पल की तरफ से भेजे गए अलर्ट मैसेज का जो मुद्दा उठाया था, उसके लिए भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया टीम यानी सीईआरटी-एन (सीआआरटी- एन) जाँच करेगा। ये देश की कंप्यूटर सुरक्षा से जुड़े मामलों पर जवाब देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।

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