- दुश्मन के युद्धपोत को चुटकियों किया जा सकता है तबाह
- डीआरडीओ बना रहा मीडियम रेंज नेवल एंटी-शिप मिसाइल
- वजन 750 किलोग्राम और लंबाई होगी 15 से 17 फीट
इंट्रो
भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) फिलहाल एक ऐसी मिसाइल बना रहा है, जिसकी तैनाती के बाद भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। साथ ही दुश्मन के युद्धपोत कोई भी कार्रवाई करने से पहले थोड़ा सोचेंगे। क्योंकि यह एक सब-सोनिक क्रूज मिसाइल है।
नई दिल्ली। एनएएसएम-एमआर का मतलब नेवल एंटी-शिप मिसाइल है। एमआर का मतलब है मीडियम रेंज। यानी मीडियम रेंज मिसाइल। माना जा रहा है कि इस मिसाइल का वजन 750 किलोग्राम होगा। यह करीब 15 से 17 फीट लंबा होगा। इसमें बूस्टर भी शामिल होंगे। व्यास करीब 1.8 फीट होगा। इस मिसाइल पर 150 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगाया जा सकता है।
मिसाइल की गति और रेंज
यह रेडियो प्रॉक्सिमिटी फ़्यूज़ पर विस्फोट करेगा। इसका रॉकेट ठोस प्रणोदक से चलेगा। साथ ही टर्बोफैन इसे गति प्रदान करेंगे। फिलहाल इसकी ऑपरेशन रेंज 150 से 350 किलोमीटर मानी जाती है। यह अधिकतम 50 मीटर से 4 किलोमीटर की ऊंचाई तक हमला करने में सक्षम होगा। इसकी अधिकतम गति करीब 988 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
मिसाइल की खासियत
लक्ष्य पर हमला करते समय यह बीच में ही अपनी दिशा बदल सकता है। इसे जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली के आधार पर निर्देशित किया जाएगा। साथ ही इसमें सैटेलाइट गाइडेंस की भी सुविधा होगी। इसे लॉन्च करने के लिए युद्धपोत, एचएएल तेजस फाइटर जेट और भविष्य के डेड-बीएफ फाइटर जेट को उपयुक्त माना जा रहा है।
एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल
यह वास्तव में एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल है। यह मिसाइल मध्यम दूरी पर दुश्मन को मात देने में काफी कारगर साबित होगी। इस मिसाइल के विकास और तैनाती के बाद भारत की तटीय सुरक्षा काफी बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं भारतीय नौसेना के लिए रुद्रम मिसाइल भी बनाई गई है। जिसका इस्तेमाल हवाई हमले के तौर पर किया जा सकता है।
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