दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला सीए, 15 में पास कर ली थी 12वीं

एमपी के मुरैना की रहने वाली है नंदिनी

(फोटो : नंदिनी)

कुछ लोगों में स्पेशल टैलेंट होता है, जिस वजह से वे छोटी उम्र में ही ऐसा मुकाम हासिल कर लेते हैं, जो अन्य लोग कई सालों के मेहनत के बाद कर पाते हैं।  हमारे देश में सीए की परीक्षा पास करना काफी कठिन माना जाता है।  लेकिन छोटे शहर की लड़की ने मात्र 19 साल की उम्र में इसे क्लियर कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया।  पढ़िए इनकी पूरी सक्सेस स्टोरी-

ये हैं नंदिनी अग्रवाल, जोकि मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की रहने वाली हैं।  वह बचपन से ही पढ़ाई में ब्रिलियंट रही हैं, और बाकी बच्चों के मुकाबले कुछ क्लास आगे ही रही हैं।  अपनी काबिलियत के कारण उन्होंने 8वीं, 9वीं छोड़ सीधे 10वीं कक्षा में एडमिशन ले लिया था और अच्छे नंबरों से उसे पास किया।  उन्होंने महज 13 वर्ष की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास कर ली थी।  वहीं मात्र 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने 12वीं की परीक्षा क्लियर की थी।  यही नहीं, 12वीं में उन्होंने 94.50% अंक लाकर जिले में टॉप किया था। 

गिनीज बुक में आया नाम

बारहवीं के बाद उनका लक्ष्य था सीए बनना तो उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।  इसमें भी उन्होंने बड़ा कारनामा करते हुए मात्र 19 वर्ष की उम्र में परीक्षा क्लियर कर ली। . इसी के साथ वह विश्व में सबसे कम उम्र में सीए बनने वाली महिला बन गईं. जिसके लिए हाल ही में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।  उन्होंने साल 2021 की सीए परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी।  बता दें कि नंदिनी के पिता वकील हैं, वहीं उनकी मां गृहिणी हैं।  उनका एक भाई भी है, जोकि उनसे 2 साल बड़ा है।  उनके भाई भी 2021 की सीए परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल कर सीए बन गए हैं।  भाई-बहन की इस जोड़ी ने एक साथ सीए की परीक्षा क्लियर कर देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। 

पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया और मोबाइल से बनायी दूरी

नंदिनी ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में दसवीं और 15 वर्ष की उम्र में 12वीं की परीक्षा उत्कृष्ट अंकों के साथ पास की थी।  उस दौरान वह जिले भर में पहले स्थान पर आयी थीं। दोनों भाई-बहन ने एक साथ सीए की पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया, मोबाइल से भी दूरी बनाकर रखी। दोनों का लक्ष्य हर हाल में सीए बनना था।  उन्होंने तीन साल तक सामाजिक कार्यक्रम या अन्य गतिविधियों में भाग नहीं लिया।  यहां तक कि वे घर से बाहर भी नहीं निकलते थे. उन्होंने सीए की पढ़ाई के लिए सीधे तौर पर कोई कोचिंग नहीं की, बल्कि सिर्फ ऑनलाइन कोचिंग ही ली।

उम्र कम के चलते काम मिलने में भी हुई दिक्कत

नंदिनी अग्रवाल ने भले ही सीए जैसी कठिन परीक्षा पास कर ली, मगर कम उम्र होने की वजह से उन्हें अप्रेंटिसशिप करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। छोटी उम्र की वजह से कंपनियां उन्हें काम पर रखने से मना कर देती थीं. उनका मानना है कि इस तरह की असफलताओं ने उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए और अधिक दृढ़ बना दिया।  नंदिनी की यह कहानी हर किसी के लिए मिसाल है कि असंभव कुछ भी नहीं। अपने जीवन में अगर आप भी कुछ करना चाहते हैं, तो आप अपनी मेहनत और एकाग्रता से सब कुछ हासिल कर सकते हैं।

‘प्रतिद्वंद्विता के बजाय भाई ने किया पूरा सपोर्ट’

नंदिनी महज 19 साल 330 दिन की उम्र में सीए बन गयी थीं. उन्होंने 83,000 उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए देश में नंबर 1 रैंक हासिल की। अभी, वह मुंबई में सिंगापुर सरकार की कंपनी में नौकरी कर रही हैं।  अपनी ऐतिहासिक कामयाबी पर नंदिनी कहती हैं,‘‘वास्तव में मेरे भाई ने मेरी सफलता में काफी अहम भूमिका निभाई। अपने मॉक टेस्ट में मुझे खराब अंक मिलते थे। यह बहुत निराशाजनक था।  मैं निराश हो जाती और सोचती कि अगर मैंने मॉक टेस्ट में इतना खराब प्रदर्शन किया, तो मैं वास्तविक परीक्षा में कैसे सफल हो पाऊंगी।  मेरे भाई के सपोर्ट ने जादू की तरह काम किया।  वे हमेशा मुझे प्रैक्टिस करते रहने और मॉक टेस्ट के रिजल्ट के बारे में नहीं सोचने के लिए प्रोत्साहित करते. वे कहती हैं, मैं चंबल की लड़कियों से इतना ही कहूंगी कि सपना देखिए. अगर आप सपना नहीं देखती हैं, तो आपके जीवन का कोई मतलब नहीं है. ’’

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