—निवेशकाें को एक ही दिन में लगा दो लाख करोड़ रुपए का झटका
मुंबई। त्योहारी सीजन में भारतीय शेयर बाजार काफी निराश कर रहा है। शेयर बाजार में पिछले पांच दिन से लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस बीच, निवेशकों के 15 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। निवेशकों को बुधवार को एक ही दिन में 2 लाख करोड़ रुपए का झटका लगा है। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 522.82 अंक यानी 0.81 प्रतिशत गिरकर 64,049.06 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 659.72 अंक यानी 1.02 प्रतिशत तक गिरकर 63,912.16 अंक पर भी आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 159.60 अंक यानी 0.83 प्रतिशत टूटकर 19,122.15 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में में इंफोसिस, भारती एयरटेल, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, टाइटन और एक्सिस बैंक में प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति और नेस्ले के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
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इतना रह गया मार्केट कैप
पिछले पांच कारोबारी दिन में निवेशकों की संपत्ति में 15 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। बीएसई-सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 323.82 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 308.73 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
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क्यों गिर रहा बाजार
बाजार में गिरावट के कई फैक्टर्स हैं। एक तो महंगाई की वजह से अमेरिका में निवेशकों के बीच डर का माहौल है। बीते दिनों अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने महंगाई को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं। ऐसे में आशंकाएं हैं कि एक बार फिर फेड रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। इसके अलावा मध्य पूर्व में गहराते संघर्ष ने भी निवेशकों के बीच डर का माहौल बनाया हुआ है। बता दें कि इजरायल और गाजा के बीच का संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इस जंग की वजह से हजारों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, हर मोर्चे पर नुकसान भी हो रहा है। इतना ही नहीं दूसरी तिमाही की आय और लाभ भी बहुत प्रभावशाली नहीं है।
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एक्सपर्ट व्यू
पश्चिम एशिया में तनाव
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, पश्चिम एशिया में तनाव से बाजार में गिरावट का माहौल है। निवेशक धारणा सतर्क बनी हुई है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और दूसरी तिमाही के नतीजों को लेकर आशावादी नजरिया कायम रहने के बावजूद निवेशकों ने उच्च ब्याज दर परिदृश्य में वृद्धि दर धीमी होने की आशंका को देखते हुए सतर्क रुख अपनाया है। इक्विट्री कैपिटल के सह-संस्थापक पवन भराडिया ने कहा, बाजार पहले से ही मुनाफावसूली का मौका तलाश रहा था। अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और कंपनियों के शुरुआती नतीजों ने इस बहुप्रतीक्षित गिरावट का मौका मुहैया करा दिया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 252.25 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध खरीदारी की थी।
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