2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय, 2035 में अपना स्पेस स्टेशन

  • गगनयान पर बैठक में बोले प्रधानमंत्री मोदी
  • गगनयान मिशन की तैयारियों में जुटा है इसरो

(फोट ो : )

नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) गगनयान मिशन की तैयारियों में जुटा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान की प्रगति का आकलन करने के लिए मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान भारत के अंतरिक्ष मिशनों को लेकर भविष्य की रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा हुई। अंतरिक्ष विभाग ने गगनयान मिशन की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसमें अब तक विकसित विभिन्न टेक्नोलॉजी जैसे ह्यूमन-रेटेड लॉन्च वाहन और सिस्टम क्वालिफिकेशन शामिल हैं। ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल (एलवीएम3) के 3 मिशनों समेत करीब 20 बड़े टेस्ट की योजना बनाई गई है।

हाल के दिनों में चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष पहल की दूसरी सफलताओं को देखते हुए पीएम मोदी ने कुछ खास निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश को अब 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना सहित नए लक्ष्य तय करने चाहिए। इनमें 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजना भी शामिल है। इस टारगेट को पाने के लिए अंतरिक्ष विभाग चंद्रमा की खोज को लेकर रोडमैप तैयार करेगा। इसमें चंद्रयान मिशनों की श्रृंखला, नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल (एनजीएलवी) का डेवलपमेंट, नए लॉन्च पैड का निर्माण और मानव-केंद्रित प्रयोगशालाएं शामिल होंगी। प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों से अंतरग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का भी अपील की, जिसमें शुक्र ऑर्बिटर मिशन और मंगल लैंडर शामिल होगा। उन्होंने भारत की क्षमताओं पर विश्वास जताया और स्पेस सेक्टर में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए देश की प्रतिबद्धता दोहराई।

21 अक्टूबर को परीक्षण यान की पहली उड़ान

इसरो ने बताया कि वह 21 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से एक परीक्षण यान के प्रक्षेपण होगा। साथ ही गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान टेस्ट शुरू करेगा। इसरो की ओर से बताया गया, ‘मिशन गगनयान: टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर 2023 को सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निधारित है।’ इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि 21 अक्टूबर को टीवी-डी1 टेस्ट फ्लाइट के बाद गगनयान कार्यक्रम के तहत 3 और परीक्षण यान मिशन शुरू किए जाएंगे।

गगनयान प्रोजेक्ट का मकसद

बता दें कि गगनयान प्रोजेक्ट के तहत मानव दल को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करना है। इसके बाद उसे भारतीय समुद्री सतह पर उतारकर पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाने की यान की क्षमता का आकलन करना और मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। परीक्षण यान की उड़ान (टीवी-डी) का उद्देश्य क्रू मॉडयूल (सीएम) का परीक्षण करना है जो अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। टीवी-डी1 टेस्ट प्लाइट में मानव रहित क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद इसे फिर से हासिल करना शामिल है।

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