-कहा, स्पीकर को सलाह देनी होगी कि वह कोर्ट के आदेश की अनदेखी न करें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट की याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाओं में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को कुछ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि किसी को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को सलाह देनी होगी कि वह कोर्ट के आदेश की अनदेखी न करें। वे ऐसे कोर्ट के निर्देश को खारिज नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि पिछली बार हमने सोचा था कि बेहतर सामंजस्य स्थापित होगा। शेड्यूल का विचार सुनवाई को अनिश्चित काल तक विलंबित करना नहीं होना चाहिए। स्पीकर को इस चीज का आभास कराना चाहिए कि वह मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। जून के बाद से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्हें कोई दिखावा नहीं करना चाहिए, जबकि सुनवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उचित समय-सारिणी निर्धारित समय पर नहीं मिलती है, तो वह एक समय-सीमा निर्धारित करने वाला एक अनिवार्य आदेश जारी करेगा, क्योंकि उसके आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को कम से कम अगले चुनाव से पहले विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणियां
-कोर्ट ने कहा कि अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर निर्णय अगले विधानासभा चुनाव से पहले लेना होगा।
-प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को कोई यह सलाह दे कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते।
-कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने की समयसीमा के बारे में उसे अवगत कराने को कहा।
- न्यायालय ने कहा कि संविधान के विपरीत फैसला होने पर इस अदालत की व्यवस्था को माना जाना चाहिए।
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