महिलाओं का छोटे कपड़े पहनकर डांस करना अश्लीलता नहीं’, अपनी सोच बदलें

बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज किया मामला

क्लब में डांस करते हुए की फोटो पब 1 व 2 नाम से …. या कोर्ट की फोटो लगाएं ….

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक पार्टी में छोटे कपड़े पहने महिलाओं को डांस करते हुए देखने को लेकर पांच लोगों के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि महिला डांसर है और ऐसे में उसको छोटे कपड़े पहनने और उत्तेजक डांस करने और इशारे करने को अश्लील नहीं कहा जा सकता है। हालांकि पुलिस ने एफआईआर में इसे अश्लील कहा है।

इस तरह के कपड़े सामान्य व स्वीकार्य

न्यायाधीश विनय जोशी और वाल्मीकि मेनेजेस की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी क्रमांक 13 से 18 तक जो कि महिला डांसर है के छोटे कपड़े पहनने और उत्तेजक डांस करने और इशारे करने को अश्लील नहीं कहा जा सकता है। हालांकि पुलिस ने एफआईआर में इसे अश्लील कहा है। खंडपीठ ने नागपुर जिले में उमरेड पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान समय में किस तरह के पहनावे को सामान्य और स्वीकार्य माना जाता है। कोर्ट ने कहा कि वह इसको लेकर प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना चाहती है।

क्या है पूरा मामला

प्राथमिकी के अनुसार, 31 मई, 2023 को पुलिस ने उमरेड इलाके में एक जगह पर छापा मारा और पाया कि कुछ लोग छोटे कपड़े पहने महिलाओं को अश्लील डांस करते हुए देख रहे थे और उन पर जाली नोट बरसा रहे थे। प्राथमिकी में महिलाओं समेत 18 लोगों के नाम शामिल हैं। इसके बाद आरोपियों ने मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया।

सार्वजनिक होता तो मामला बनता

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अगर यह कार्य सार्वजनिक जगह पर किया गया है तो धारा 294 लगाई जा सकती है। हालांकि पब एक सार्वजनिक स्थान है लेकिन वहां मौजूद किसी भी शख्स इससे परेशानी नहीं हो रही थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 पुरुषों के खिलाफ एफआईआर को रदद कर दिया है।

पुलिस के हाथों में नहीं छोड़ सकते निर्णय

हाईकोर्ट ने आदेश में कहा, कौन से कृत्य अश्लीलता के दायरे में आ सकते हैं, इस बारे में संकीर्ण दृष्टिकोण रखना, हमारी ओर से एक प्रतिगामी कृत्य होगा। हम मामले में प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना पसंद करेंगे और इस तरह का निर्णय पुलिस अधिकारियों के हाथों में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

फिल्मों में दिखने वाले परिधान पहनना सामान्य

अदालत ने कहा कि हम इस तथ्य पर न्यायिक संज्ञान लेते हैं कि वर्तमान समय में यह काफी सामान्य और स्वीकार्य है कि महिलाएं ऐसे कपड़े पहन सकती हैं या तैराकी के समय धारण किए जाने वाले परिधान या ऐसी अन्य पोशाक पहन सकती हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा पहनावा अक्सर फिल्मों या सौंदर्य प्रतियोगिताओं में देखा जाता है।

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