इजराइल पर हमले का मास्टरमाइंड डायफ, पिता और चाचा भी लड़ चुके हैं छापामार युद्ध

  • हमास के मिलिट्री विंग के इस चीफ कमांडर ने दिया है यहूदी देश को सबसे बड़ा जख्म

(फोटो : हमास चीफ)

इंट्रो

इजराइल पर शनिवार को उसके इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ और 20 मिनट में गाजा पट्टी से पांच हजार रॉकेट दागे गए। इस हमले में सैकड़ों इजरायली नागरिक मारे गए जिसके पीछे मोहम्मद डायफ को सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर मोहम्मद डायफ कौन है और इसकी इजराइल-फिलस्तीन युद्ध में क्या भूमिका है…

हमास के इजराइल पर इस चौंकाने वाले हमले के पीछे जिस शख्स को मास्टरमाइंड माना जा रहा है उसका नाम मोहम्मद डायफ हैं। डायफ हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर है। एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल पर हमले के बाद हमास के मिलिट्री विंग के हेड मोहम्मद डायफ ने कहा, ‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म” गाजा की 16 साल की नाकेबंदी, इजरायली कब्जे और हाल की घटनाओं की पूरी श्रृंखला का जवाब था। हालांकि मोहम्मद डायफ के बारे में सार्वजनिक तौर पर बहुत कम जानकारी उपलब्ध है और कहा जाता है कि वो बिना लाइम लाइट में रहे एक शेडो फिगर के रूप में काम करना पसंद करता है।

2002 में हमास का मिलिट्री विंग का बना चीफ

मोहम्मद डायफ साल 2002 से हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख है। हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, डायफ का जन्म 1960 के दशक के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था और उस वक्त उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी था। उस समय गाजा, मिस्र के नियंत्रण (1948 से 1967 तक) में था। इसके बाद साल 1967 से 2005 के बीच, यह इजरायली शासन के अधीन रहा. साल 2005 से 2007 तक यहां फिलस्तीन ने शासन किया। 2007 में तख्तापलट करने के बाद इस पर हमास ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया।

डायफ के पिता और चाचा भी लड़ चुके हैं जंग

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद डायफ के चाचा और पिता ने 1950 के दशक में सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा उसी क्षेत्र में की गई छापामार युद्ध में हिस्सा लिया था, जहां हमास के लड़ाकों ने शनिवार को इजराइल में घुसपैठ की थी। डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक हमास मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर मोहम्मद डायफ जब 20 साल का था तो उसे फिलस्तीन के पहले इंतिफादा (विद्रोह) के समय इजराइल की सरकार ने जेल भेज दिया था। उस वक्त उसे इजरायली अधिकारियों ने आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

1996 में 50 इजरायली नागरिकों की मौत का जिम्मेदार

1996 में हुए एक बम धमाके में 50 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए थे जिसके लिए डायफ को जिम्मेदार बताया गया था। जेल से निकलने के बाद वो पूरी तरह समर्पित होकर हमास के लिए काम करने लगा और 2002 में हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर बन गया। इसी के आदेश पर हमास के लड़ाके इजराइल के खिलाफ हमले को अंजाम देते हैं। हमास की स्थापना 1980 के दशक के अंत में, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजराइल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) की शुरुआत के बाद हुई थी। दोनों क्षेत्रों पर इज़रायल का कब्ज़ा 1967 में अरब युद्ध के दौरान हुआ था।

20 साल से ढूंढ रही है मोसाद

मोहम्मद दाइफ इजरायल की ‘मोस्ट वांटेड’ लिस्ट में शामिल है। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद और इजरायली सेना पिछले 20 सालों से उसे तलाश रही हैं, लेकिन आज तक पकड़ नहीं पाई है। साल 2014 में इजरायल ने पूरी प्लानिंग के साथ एयर स्ट्राइक की, लेकिन दाइफ बच गया। इस हमले में उसकी पत्नी और दोनों बच्चे मारे गए थे।

7 बार मरते-मरते बचा

दाइफ को अमेरिका समेत तमाम देशों ने आतंकी घोषित कर रखा है। ‘ग्लोबल टेररिस्ट’ की लिस्ट में भी शामिल है। रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले कुछ सालों में दाइफ, कम से कम 7 बार मरते-मरते बचा है। हर बार इजरायल को चकमा दे जाता है।

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