चीनी फंडिंग मामला : पत्रकार अभिसार से फिर हुई पूछताछ

नई दिल्ली। न्यूज पोर्टल न्यूज क्लिक के खिलाफ शिकंजा कस चुका है। दिल्ली पुलिस ने अब पत्रकार अभिसार शर्मा को एक बार फिर गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया। अभिसार शर्मा को न्यूजक्लिक पर यूएपीए के तहत दर्ज केस में पूछताछ के लिए बुलाया गया। न्यूज क्लिक पर चीन से फंडिंग के आरोप लगे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने अभिसार शर्मा को यूएपीए के तहत दर्ज केस में पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले भी अभिसार शर्मा से मंगलवार को पूछताछ हुई थी। यह पूछताछ स्पेशल सेल के कार्यालय में हुई थी। न्यूज क्लिक के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और वहां के एचआर अमित चक्रवर्ती को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस केस में कई पत्रकारों से पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था। एक अदालत ने इन दोनों को सात दिनों के लिए पुलिस की कस्टडी में भेजा है। मंगलवार को न्यूजक्लिक पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। दिल्ली में न्यूजक्लिक से जुड़े 88 ठिकानों के अलावा दूसरे राज्यों में भी यह छापेमारी की गी थी। स्पेशल सेल के कार्यालय में कुल 37 पुरुष संदिग्धों से पूछताछ की गई थी। इसके अलावा 9 महिलाओं से भी उनके निवास स्थान पर पूछताछ हुई थी। दिल्ली पुलिस न्यूजक्लिक के कार्यालय को सील कर चुकी है।

इधर दिल्ली पुलिस ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती द्वारा प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने के लिए दायर याचिकाओं का बृहस्पतिवार को कोर्ट में विरोध किया। पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को चीन के समर्थन में प्रोपेगेंडा चलाने के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने याचिकाओं के संबंध में दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान चक्रवर्ती के वकील ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी का आधार लिखित में बताने को भी कहा। उन्होंने कहा कि किसी आरोपी की गिरफ्तारी का आधार बताना एक संवैधानिक सुरक्षा है।

विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि आरोपियों को पुलिस आयुक्त के पास जाना पड़ेगा जो फिर इस संबंध में एक समिति गठित करेंगे। उन्होंने कहा कि आरोपियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का चरणबद्ध तरीके से पालन करना होगा।

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