चांद के बाद अब मंगल पर अपना दूसरा मिशन भेजेगा इसरो

मंगलयान के बाद इसरो लॉन्च करेगा मंगलयान-2

  • चंद्रयान-3 की तर्ज पर ही मंगल ग्रह की सतह पर अध्ययन करेगा अत्याधुनिक रोवर

-अंतरग्रहीय धूल और मंगल ग्रह का वातावरण और पर्यावरण का होगा विश्लेषण

(फोटो : मंगल1, 2)

नई दिल्ली। चंद्रमा और सूर्य पर अपना मिशन भेजने के बाद इसरो ने मंगल ग्रह पर भी अपना दूसरा मिशन भेजने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसरो आने वाले दिनों में लाल ग्रह पर मंगलयान-2 को लॉन्च करेगा। इससे पहले भी इसरो मंगल ग्रह पर मंगलयान भेज चुका है। इसरो ने पहली ही कोशिश में मंगल की कक्षा में अपने अंतरिक्षयान स्थापित कर इतिहास रच दिया था। इस सफलता के नौ साल बाद इसरो फिर से मंगल पर मंगलयान-2 नाम से अपना मिशन लॉन्च करेगा। इस मिशन से जुड़ी कुछ जानकारियां सामने आई हैं।

मंगल के वातावरण और पर्यावरण का करेगा अध्ययन

बता दें कि इसरो के दूसरे मार्स मिशन में अत्याधनिक रोवर होगा। जो चंद्रयान-3 की तर्ज पर ही मंगल ग्रह की सतह पर अध्ययन करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस अंतरिक्ष यान में चार पेलोड होंगे। वैज्ञानिक उपकरण मंगल ग्रह के कई पहलुओं का अध्ययन करेंगे, जिसमें अंतरग्रहीय धूल और मंगल ग्रह का वातावरण और पर्यावरण भी शामिल है।

जीवन की खोज

बता दें कि वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पृथ्वी के अलावा ब्रह्मांड के किसी अन्य ग्रह पर भी जीवन है या नहीं या जीवन संभव है। पृथ्वी के अलावा मंगल ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन की संभावना हो सकती है। क्योंकि वहां के वायुमंडल में गैसें हैं और वहां बर्फ भी मौजूद है। इसलिए वैज्ञानिक ऐसा मान रहे हैं कि मंगल पर जीवन संभव हो सकता है। यही वजह है कि दुनियाभर के वैज्ञानिक मंगल पर अपनी जानकारी को और मजबूत करना चाह रहे हैं।

इसरो का उद्देश्य

रिपोर्ट के मुताबिक, मार्स ऑर्बिटर मिशन -2 को अनौपचारिक रूप से मंगलयान-2 नाम दिया गया है। जो अपने साथ चार पेलोड लेकर जाएगा। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये सभी पेलोड विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इसरो का दूसरा मिशन एक मार्स ऑर्बिट डस्ट एक्सपेरिमेंट (मोडेक्स), एक रेडियो ऑकल्टेशन (आरओ) प्रयोग, एक ऊर्जावान आयन स्पेक्ट्रोमीटर (ईआईएस) और एक लैंगमुइर प्रोब और इलेक्ट्रिक फील्ड एक्सपेरिमेंट (एलपीईएक्स) लेकर मंगल ग्रह पर जाएगा। बताया जा रहा है कि मोडेक्स मंगल ग्रह के हाई एल्टिट्यूड को समझने में मदद करेगा।

नासा के रोवर ने भेजा था मंगल पर बवंडर का वीडियो

बता दें कि हाल ही में मंगल ग्रह पर मौजूद नासा के रोवर ने वहां के बवंडर का वीडियो भेजा था। इस वीडियो के बाद दावा किया गया कि मंगल ग्रह पर भी धरती की तरह तूफान आते हैं। बता दें कि इससे नौ साल पहले इसरो ने मंगल पर अपना पहला रॉकेट 24 सितंबर को भेजा था। जिसे मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया था।

000

प्रातिक्रिया दे