दुनिया में अब तक 300 मामले
फोटो : आपरेशन फोल्डर
धमतरी। धमतरी के उपाध्याय नर्सिंग होम में युवक के पेट में गर्भाशय (बच्चादानी) पाया है। डेढ़ घंटे की सर्जरी के बाद गर्भाशय को बाहर निकाला गया। डॉ रोशन उपाध्याय ने बताया कि यह समस्या जीन में म्यूटेशन की वजह से आती है। पूरे विश्व में इस प्रकार के 300 मामले सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ में संभवत: यह पहला मामला है।
कांकेर का एक 27 वर्षीय अविवाहित युवक 25 सितंबर को हार्निया के आपरेशन के लिए उपाध्याय नर्सिंग होम आया था। 26 सितंबर को जब उसका आपरेशन शुरू किया गया तो डॉक्टर को उसके पेट में गर्भाशय नजर आया। युवक के पेट गर्भाशय देखकर डॉक्टर सहित उनकी पूरी टीम आश्चर्य में पड़ गई। तुरंत ही युवक के परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। उनसे सहमति लेकर आपरेशन किया गया। डेढ़ घंटे के सफल आपरेशन के बाद गर्भाशय निकाला गया। युवक अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस संबंध में डॉक्टर रोशन उपाध्याय ने बताया कि यह अपने तरह का दुर्लभ मामला है। जांच में हार्निया का फंसा होना व दोनों तरफ के अण्डकोष की गोली का अनुपस्थित होना पाया गया, जिसका ऑपरेशन किया जा रहा था इस बीच गर्भाशय व नसबंदी की नली दिखाई दी। अण्डकोष की दोनों गोली दांयी तरफ पेट में थी। गर्भाशय व नली को सर्जरी के माध्यम से निकाला गया। अण्डकोश की दोनों गोली को पेट से निकालकर उसे सहीं स्थान पर रखा गया एवं दाहिने तरफ की हार्निया का ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि युवक के पेट के अंदर गर्भाशय था लेकिन ओवरी व यूट्रस नहीं होने क कारण वह गर्भधारण नहीं कर सकता था। युवक का व्यवहार पूरी तरह से पुरूष के समान है। अब वह स्वस्थ है और वैवाहिक जीवन जी सकता है। इस ऑपरेशन में डॉ रोशन उपाध्याय, डॉ रश्मि उपाध्याय, डॉ प्रदीप देवांगन एवं डॉ मार्टिन मुकेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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जेनेटिक म्यूटेशन से आती है समस्या
डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि इस समस्या को पीएमडीएस कहा जाता है, जो जीन में म्यूटेशन के कारण होता है। इसमें पुरूष का जननांग बाहर से सामान्य होता है, परंतु पेट के अंदर स्त्री के समान गर्भाशय, नली व अंडाणु पाए जाते हैं। इस प्रकार के बच्चों में जन्म के पश्चात उसका अंडकोष खाली रहता है। वयस्क होने पर जांघ में सूजन की समस्या आती है। इस समस्या को नजर अंदाज करने पर हार्निया का फंसना, बांझपन या कैंसर जैसी समस्या आती है।
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