आतंकी-गैंगस्टर नेटवर्क पर शिकंजा, छह राज्यों के 53 ठिकानों पर एनआईए छापा

—भारत-कनाडा विवाद के बाद आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क पर वार

— खालिस्तानी समर्थकों पर की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई

इंट्रो

एनआईए ने आतंकी-गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार सुबह पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 53 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। यह छापेमारी लॉरेंस बंबीहा और अर्शदीप सिंह गैंग के सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर हो रही है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बुधवार को आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थ के तस्करों के गठजोड़ पर कई राज्यों में व्यापक कार्रवाई के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये छापे एक सूचीबद्ध आतंकवादी अर्श डल्ला के सहयोगियों और कई खूंखार गैंगस्टरों के खिलाफ मामलों से संबंधित हैं। संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, संबंधित राज्य पुलिस बल ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और चंडीगढ़ में 53 स्थानों पर की गई दिन भर की छापेमारी में आवश्यक सहायता प्रदान की। अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी-गैंगस्टर-तस्कर गठजोड़ को खत्म करने के उद्देश्य से की गई छापेमारी के दौरान पिस्तौल, गोला-बारूद, बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। उन्होंने कहा कि कार्रवाई पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, पुर्तगाल और अन्य देशों में स्थित मादक पदार्थ-तस्करों और आतंकवादी संगठनों के साथ काम करने वाले विभिन्न कट्टर गिरोहों से जुड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं, फाइनेंसरों और साजोसामान प्रदाताओं पर केंद्रित है। प्रवक्ता ने कहा कि जिन जगहों पर छापेमारी की गई उनमें पंजाब के अमृतसर, मोगा, फाजिल्का, लुधियाना, मोहाली, फरीदकोट, बरनाला, बठिंडा, फिरोजपुर, एसएएस नगर और जालंधर जिले; हरियाणा के रोहतक, सिरसा, फतेहाबाद और फरीदाबाद जिले; राजस्थान के श्री गंगानगर, झुंझुनू, हनुमानगढ़ और जोधपुर जिले; उत्तर प्रदेश में गोरखपुर; उत्तराखंड के देहरादून और उधमसिंह नगर जिले शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के दक्षिण-पूर्वी जिले और चंडीगढ़ में भी छापेमारी की गई। प्रवक्ता ने कहा कि डल्ला के अलावा, इन छापों में एनआईए की जांच के दायरे में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, सुक्खा दुनेके, हैरी मौर, नरेंद्र उर्फ लाली, काला जठेड़ी और दीपक टीनू भी थे।

एनआईए की सातवीं छापेमारी

अगस्त 2022 से पांच मामले दर्ज होने के बाद एनआईए द्वारा शुरू की गई ऐसी कार्रवाई की श्रृंखला में यह सातवीं छापेमारी थी। इन पांच मामलों में इस साल जुलाई में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ दर्ज दो नए मामले भी शामिल थे। ये मामले लक्षित हत्याओं की साजिशों, खालिस्तान समर्थक संगठनों की आतंकी फंडिंग और गैंगस्टरों द्वारा जबरन वसूली से संबंधित हैं। इन गैंगस्टरों में से कई जेलों में बंद हैं या विभिन्न विदेशी देशों से काम कर रहे हैं।

राज्यों की जेलों में रची गई साजिश

जांच से पता चला है कि आतंकी फंडिंग और गैंगस्टरों द्वारा जबरन वसूली से संबंधित कई साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों में रची जा रही थीं। इन्हें विदेश-स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया जा रहा था। प्रवक्ता ने कहा, इन साजिशों में पिछले साल पंजाब में महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी, खनन व्यापारी मेहल सिंह और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की सनसनीखेज हत्या शामिल है।

पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के 50 इलाकों में छापेमारी

एनआईए ने पंजाब के 30 इलाकों में छापेमारी की है, तो वहीं राजस्थान में 13, हरियाणा में 4, उत्तराखंड में 2, दिल्ली-एनसीआर और यूपी में 1-1 जगह छापेमारी चल रही है। एनआईए ने खालिस्तान-आईएसआई और गैंगस्टर नेक्सस के खिलाफ कई सारे सबुत इकट्ठा किए हैं। कई गैंगस्टरों से पूछताछ के दौरान भी यह सामने आया है कि वह नेक्सस का इस्तेमाल टेटर फंडिंग, हथियार सप्लाई और विदेशों से देशी विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं।

लॉरेंस बिश्नोई और अन्य के ठिकाने

एनआईए यह कार्रवाई लॉरेंस बिश्नोई, सुक्खा दुनेके, हैरी माउर, नरेंद्र उर्फ लाली, काला जथेरी, दीपक टीनू, बंबीहा और अर्श डल्ला गैंग के सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर हो रही है। पंजाब के फिरोजपुर से खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के करीबी जोरा सिंह को गिरफ्तार किया गया है। उसके मोबाइल में अर्श डल्ला के साथ चैटिंग के सबूत मिले हैं। राजस्थान के जैसलमेर से एक संदिग्ध को हिरासत लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

निज्जर की हत्या के बाद उठाया ये कदम

एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कनाडा में खलिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि उनकी हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें कनाडाई नागरिक बताते हुए भारत पर हत्या का आरोप लगाया था। इस दौरान उन्होंने कनाडा से भारतीय राजनयिक को भी बाहर कर दिया। इसके जवाब में भारत ने में दिल्ली से कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी।

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