भारत-सिंगापुर के नौसेनाओं का द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास

-दक्षिण चीन सागर में शक्ति प्रदर्शन का आगाज

  • भारत के पूर्वी नौसेना कमांड फ्लैग अफसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेनधरकर

-अभ्यास के 30वें संस्करण के स्मारक लोगो का हुआ अनावरण

(फोटो : अभ्यास)

नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर के नौसेनाओं ने दक्षिण चीन सागर के दक्षिणी हिस्से में एक सप्ताह तक चलने वाले द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास सिम्बेक्स की शुरुआत की। इसके लिए दोनों ही देशों ने अपनी एक-एक पनडुब्बी तैनात की है। भारतीय नौसेना की तरफ से राजपूत-क्लास डिस्ट्रॉयर आईएनएस रनविजय, कमोर्टा-क्लास कोर्वेट आईएनएस कवरट्टी और एक पी-81 मरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट ने गुरुवार से शुरू हुए इस अभ्यास में हिस्सा लिया है। वहीं सिंगापुर की तरफ से इस अभ्यास में आरएसएस स्टालवार्ट और आरएसएस टेनियस शामिल हैं। इस द्विपक्षीय अभ्यास के उद्घाटन समारोह में आरएसएन फ्लीट कमांडर कोलोनेल (सीओएल) क्वान होन चुंग और भारत के पूर्वी नौसेना कमांड फ्लैग अफसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेनधरकर शामिल हुए। उन्होंने अभ्यास के 30वें संस्करण के स्मारक लोगो का अनावरण भी किया।

दो चरणों में अभ्यास

इस दौरान सीओएल क्वान ने कहा कि सिम्बेक्स दो चरण में आयोजित किया जाएगा। अभ्यास के भूमि चरण में टेबल टॉप अभ्यास और और योजना चर्चा शामिल होगा। वहीं समुद्री चरण में नौसेनाएं पनडुब्बी रोधी युद्ध और लाइव हथियार फायरिंग समेत विभिन्न नौसेनिक अभ्यास शामिल है। सिम्बेक्स 2023 में एक तटीय चरण शामिल है, जो कि सिंगापुर चांगी नवल बेस में आयोजित की जाएगी और समुद्री चरण का आयोजन (25 से 25 सितंबर तक) दक्षिण चीन सागर में होगा। तटीय चरण में दोनों तरफ के नौसेना के नाविक संयुक्त योजना, व्यावसायिक आदान-प्रदान और खेल गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। दोनों नौसेनाएं पनडुब्बी बचाव संयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया (जेएसओपी) दस्तावेज पर भी हस्ताक्षर करेंगे।

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अमेरिका, रुस में भी संयुक्त युद्धाभ्यास करेगी भारतीय सेना

अमेरिकी सेना और भारतीय सेना के बीच एक सैन्य युद्धाभ्यास होगा। अमेरिका के अलास्का में होने वाले युद्धाभ्यास में 350 कर्मियों के साथ एक ब्रिगेडर रैंक अधिकारी के नेतृत्व में भारतीय सेना की टुकड़ी शामिल होगी । युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले सभी भारतीय सैनिक मराठा लाइट इन्फ्रैंट्री रेजिमेंट के हैं। दोनों देशों की सेना के बीच यह युद्धाभ्यास 25 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चलेगा। अमेरिकी सेना और भारतीय सेना के बीच होने वाला यह एक नियमित अभ्यास है। वहीं दूसरी ओर, आसियान रक्षा मंत्री की बैठक के तहत बहुराष्ट्रीय अभ्यास में 35 कर्मियों के साथ भारतीय सेना की एक टुकड़ी रुस का दौरा करेगी। यह बहुराष्ट्रीय अभ्यास रुस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित होगा । भारतीय सेना के अधिकारी के मुताबिक, रुस में होने वाले युद्धाभ्यास में चीन की सेना भी शामिल होगी।

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