–लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पास, आज राज्यसभा में होगी चर्चा
–लोकसभा में राहुल गांधी और अमित शाह आमने-सामने
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नई दिल्ली। लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल पास हो गया है। इसके पक्ष में 454 वोट पड़े। इस बिल का विरोध सिर्फ दो लोगों ने किया। अब देश की निगाहें राज्यसभा पर लगी हुई हैं। यहां गुरुवार को चर्चा होगी। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। लोकसभा में बुधवार को बिल पर चर्चा हुई। इसमें 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है। इस पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा- यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया और आखिर में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। इसके बाद लोकसभा में सत्तापक्ष की तरफ से शोर होने लगा। तब राहुल गांधी ने कई बार सत्तापक्ष के सदस्यों से कहा- डरो मत, डरो मत, डरो मत। एक बार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें इसके लिए टोका भी कि इस तरह के शब्दों का प्रयोग उचित नहीं है। राहुल गांधी के भाषण के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन की बारी आई। जैसे ही वे बोलने के लिए खड़े हुए, अब विपक्ष की ओर से शोर होने लगा। इस पर अमित शाह ने भी चुटकी लेते हुए कहा- डरो मत, भागो मत।
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राहुल बोले-ओबीसी के लिए कोटा हो, जातीय जनगणना भी कराई जाए
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित ऐतिहासिक विधेयक का बुधवार को लोकसभा में समर्थन किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें ओबीसी की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है। उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि तत्काल जातीय जनगणना कराई जाए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।
राहुल गांधी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा, मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है। मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था। यह बहुत जरूरी है कि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से, महिलाओं के बड़े हिस्से की आरक्षण तक पहुंच होनी चाहिए। इस विधेयक में यही नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू किया जा सकता है और इसके लिए नई जनगणना एवं परिसीमन की कोई जरूरत नहीं है। उनका कहना था, दो ऐसी चीजें है जो मुझे अजीबो-गरीब लगती हैं। एक यह कि विधेयक को लागू करने के लिए ताजा जनगणना की जरूरत बतायी गयी है। दूसरा यह कि विधेयक को लागू करने के लिए नए परिसीमन की जरूरत है। मेरा विचार है कि यह विधेयक आज ही लागू हो सकता है।
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शाह ने कहा- चुनाव के बाद जनगणना, परिसीमन फिर आरक्षण
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई पूरी की जाएगी। लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा। महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023′ पर निचले सदन में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए शाह ने विपक्षी कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना भी साधा और कहा, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, राजनीतिक मुद्दा हो सकता है, चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेन्द्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है, मान्यता का सवाल है, कार्य संस्कृति का सवाल है। देश में जनगणना होने और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू होने की स्थिति में इसे मूर्त रूप लेने में कई साल लग जाने संबंधी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर गृह मंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोग हर राज्य में जाकर पारदर्शी तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे केवल और केवल पारदर्शिता का ही सवाल है। शाह ने तत्काल नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू करने के राहुल गांधी समेत अनेक विपक्षी सदस्यों के सुझाव पर कहा कि देश में महिलाओं के लिए आरक्षित होने वाली एक तिहाई सीटें कौन तय करेगा? उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि अगर वायनाड (राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र) में ऐसा हो गया तो क्या होगा, अगर हैदराबाद सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी जाए तो एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो जाएंगे।
29 मंत्री और भाजपा के 85 सांसद ओबीसी
शाह ने कहा कि इस सरकार में 29 मंत्री ओबीसी समुदाय के हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के 85 सांसद (29 प्रतिशत) ओबीसी के, देश में पार्टी के 1358 में से 27 प्रतिशत विधायक ओबीसी के और 40 प्रतिशत विधान परिषद सदस्य इस वर्ग से हैं। शाह ने कहा, ओबीसी का राग अलापने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी पार्टियों ने कभी ओबीसी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने बनाया।
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राज्यसभा में आज होगी चर्चा
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले संविधान (128 संशोधन) विधेयक, 2023 पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पर बृहस्पतिवार को यहां चर्चा होगी।
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विपक्षी दलों ने मांगी ओबीसी सीट
राजद, जेडीयू, सपा और बसपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ओबीसी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने की मांग की है। भाजपा नेता उमा भारती और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी ओबीसी महिलाओं के लिए भी कोटा तय करने की मांग की है। आप सांसद संजय सिंह ने इस बिल को ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ बिल बताया है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 से पहले लागू करना चाहिए। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पी चिदंबरम ने इस बिल को केंद्र सरकार का जुमला बताया।
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