विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा, 22 सितंबर 2023 तक चलेगा विशेष सत्र
हरिभूमि न्युूज : नई दिल्ली।
मोदी सरकार द्वारा आज से बुलाए गए विशेष सत्र में जमकर हंगामा होने के आसार हैं। इस सत्र के पूर्व सरकार ने अपना एजेंडा जाहिर कर दिया है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े बिल, सहित 3 बिल और पेश किए जाएंगे। माना जा रहा है कि अब चूंकि आम चुनाव में कुछ ही महीने रह गए हैं और यूसीसी चूंकि भाजपा का कोर मुद्दा रहा है, तो उस पर भी चर्चा हो सकती है। सनातन पर हमला करने वालों को भी भाजपा आड़े हाथों लेने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सरकार ने 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र का एजेंडा जारी कर दिया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, पहले दिन 18 सितंबर को संसद के अबतक के सफर पर चर्चा होगी। इसमें संविधान सभा से लेकर अब तक की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, यादों और मिली सीख पर चर्चा होगी। सरकार इन चारों विधेयकों को संसद से पारित कराने की कोशिश करेगी। सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा।
चुनाव आयुक्त नियुक्ति संबंधित बिल
संसद के विशेष सत्र के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े बिल को भी पेश किया जाएगा। इस बिल में सीईसी और इलेक्शन कमिश्नरों की नियुक्ति करने वाले पैनल में सीजेआई को बाहर रखा गया है। इस बिल को 3 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था।
एक देश-एक चुनाव सहित ये बिल भी होंगे पेश
संसद के विशेष सत्र के दौरान एक देश, एक चुनाव का सुझाव दिया है, उस पर भी काफी हंगामा होगा। अन्य बिल में पोस्ट ऑफिस बिल 2023, द ऐडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल 2023, प्रेस ऐंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियाडिकल्स बिल 2023, चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स (अपॉइंटमेंट, कंडिशंस ऑफ सर्विस ऐंड टर्म ऑफ ऑफिस) बिल पर चर्चा होगी। द ऐडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल और प्रेस ऐंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियाडिकल्स बिल राज्यसभा से पहले ही पास हो चुके हैं।
सनातन धर्म विरोधियों पर भाजपा बोलेगी हमला
सनातन धर्म पर जो हमले हो रहे हैं, खासकर दक्षिण भारत में जो हमले हुए हैं और उनको जिस तरह से कांग्रेस शह दे रही है उस पर सत्तापक्ष जरूर चर्चा करेगा। अब चूंकि आम चुनाव में कुछ ही महीने रह गए हैं सनातन पर हमला करके विपक्ष ने भाजपा को जो एक मुद्दा तो दे दिया है उसे भाजपा भुनाने से नहीं चूकेगी।
सरकार करवाएगी सारे विधेयक पारित
मौजूदा सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है। पिछले सत्र में ही हमने देखा कि दिल्ली सेवा बिल, जिस पर काफी हंगामा था। केजरीवाल ने पूरे देश का दौरा किया, उसके बावजूद सरकार ने उसे बड़ी आसानी से पारित करवा लिया। यह आशंका भी नहीं करनी चाहिए कि सरकार अपने चारों विधेयक को पारित नहीं करवा पाएगी। सरकार ने इन विधेयकों को विशेष सत्र में पारित करवाने के उद्देश्य से ही रखा है।
विपक्ष भी कर चुका अपने एजेंडे की घोषणा
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही विपक्ष भी विशेष सत्र के लिए अपने एजेंडे की घोषणा कर चुका है। सोनिया गांधी की ओर से जारी पत्र में 9 बिंदुओं का जिक्र किया गया है। इनमें अडाणी मामले में जेपीसी की मांग भी शामिल है। इसके अलावा भी कई मामलों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। लिहाजा विशेष सत्र में भी हंगामा होने के आसार बनते दिख रहे हैं।
पर्दे के पीछे कुछ और है: कांग्रेस
संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि ये तो खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली बात हुई। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पर्द के पीछे कुछ और है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आखिरकार सोनिया गांधी जी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के दबाव के बाद मोदी सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने की कृपा की है।
पूजा-अर्चना के साथ 19 से नए संसद भवन में कार्यवाही
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के मुताबिक, 17वीं लोकसभा का 13वां संसद सत्र सोमवार 18 सितंबर 2023 को शुरू होगा। वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि राज्यसभा का 261वां सत्र भी सोमवार 18 सितंबर से ही शुरू होगा। संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही 18 सितंबर को पुराने भवन में ही शुरू होगी। वहीं, 19 सितंबर से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही होगी। 19 सितंबर को नए संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत से पहले एक विशेष पूजा भी होगी। नए संसद भवन का उद्घाटन इसी साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
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