-अफसर तय नहीं कर पा रही मोदी सरकार
-देश की तीन अहम एजेंसियों का संचालन हो रहा बिना मुखिया के
- ईडी चीफ का कार्यकाल आगे बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक
(फोटो : अफसर)
नई दिल्ली। देश की तीन अहम एजेंसियों ईडी, एसपीजी और सीआईएसएफ का संचालन इन दिनों बिना मुखिया के ही हो रहा है। ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर को समाप्त होना है। वह लगातार तीन सालों से विस्तार पर थे, लेकिन उनका कार्यकाल आगे बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अदालत ने 15 सितंबर तक का टाइम उन्हें देते हुए सरकार से कहा था कि वह इस दौरान नया मुखिया चुन ले। यही नहीं लंबी बहस के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि क्या इतने बड़े देश में ईडी के मुखिया के तौर पर आपको कोई दूसरा योग्य अफसर नहीं मिल पा रहा। अदालत ने उनका विकल्प खोजने के लिए 15 सितंबर तक का वक्त दिया था, लेकिन तलाश पूरी नहीं हो सकी है। कयास तो यहां तक लग रहे हैं कि संजय कुमार मिश्रा को ही सरकार अब नई जिम्मेदारी देते हुए सीबीआई और ईडी का संयुक्त मुखिया बना सकती है। हालांकि इस पर आधिकारिक रूप से या फिर सरकार सूत्रों से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
सीआईएसएफ में भी नियमित डीजी का इंतजार
ईडी चीफ के अलावा औद्योगिक सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली फोर्स सीआईएसएफ के डीजी का भी चुनाव नहीं हो सका है। सीआईएसएफ के डीजी शील वर्धन सिंह 31 अगस्त को रिटायर हो गए थे। उनके स्थान पर 1989 बैच की अधिकारी नीना सिंह को सीआईएसएफ के डीजी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। लेकिन यह अंतरिम व्यवस्था ही थी, अब तक नियमित महानिदेशक की नियुक्ति का इंतजार ही हो रहा है।
सिन्हा का हुआ है निधन
सरकार के एक अन्य करीबी अधिकारी रहे अरुण कुमार सिन्हा का इसी महीने निधन हो गया था। वह पीएम की सुरक्षा करने वाली एजेंसी एसपीजी के मुखिया थे। केरल काडर के 61 वर्षीय अधिकारी कैंसर से जूझ रहे थे। उन्हें 2016 में एसपीजी का निदेशक बनाया गया था। इसी साल 30 मई को उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला था, लेकिन उससे एक दिन पहले ही उन्हें फिर से एक साल का सेवा विस्तार मिल गया था। अब उनके निधन के बाद सरकार को एसपीजी के नए मुखिया की तलाश है, जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है।
—
0000

