धरती से 72 हजार किमी दूर हुआ आदित्य एल-1

  • बदल दी गई है तीसरी ऑर्बिट, अगली ऑर्बिट में होगा 15 सितंबर को बदलाव

-18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार ऑर्बिट बदलेगा आदित्य

  • सूरज की पहली तस्वीर फरवरी तक मिलने की उम्मीद

नई दिल्ली। आदित्य-एल1 की धरती के चारों तरफ तीसरी ऑर्बिट बदल दी गई है। इसे अर्थ बाउंड मैन्यूवर (ईबीएन#3) कहते हैं। इस समय इसरो का सूर्य मिशन पृथ्वी के चारों तरफ 296 किमी x 71767 किमी की अंडाकार कक्षा में घूम रहा है। इस दौरान आदित्य पर मॉरशिस, बेंगलुरु के आईएसटीआरएसी, श्रीहरिकोटा के एसडीएससी- एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर से निगरानी की गई। अब आदित्य की अगली ऑर्बिट 15 सितंबर की देर रात 2 बजे की जाएगी। आदित्य-एल1 अभी 18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार ऑर्बिट बदलेगा। एक बार आदित्य एल1 तक पहुंच जाएगा। तब वह हर दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा। ताकि सूर्य की बड़े पैमाने पर स्टडी की जा सके. यह तस्वीरें आदित्य में लगा विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) लेगा।

सूरज की मिलेगी एचडी फोटो

वैज्ञानिकों के अनुसार पहली तस्वीर फरवरी में मिलेगी। वीईएलसी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है। इसरो के सूर्य मिशन में लगा वीईएलसी सूरज की एचडी फोटो लेगा। धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा है ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह 15 लाख किमी की लंबी यात्रा को पूरा कर सके। एल1 तक की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य के सारे पेलोड्स ऑन किए जाएंगे। यानी उसमें जितने भी यंत्र लगे हैं, वो एक्टिव हो जाएंगे। वो सूरज की स्टडी शुरू कर देंगे। लेकिन बीच-बीच में उनके सलामती की जांच के लिए उन्हें एक्टिव किया जा सकता है। यह देखने के लिए वो ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।

5 साल का मिशन, उम्मीद 10-15 साल की

आदित्य-एल1 मिशन को पांच साल के लिए बनाया गया है। लेकिन सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है। सूर्य से रिलेटेड डेटा भेज सकता है। लेकिन इसके लिए उसे पहले एल1 पह पहुंचना जरूरी है। लैरेंज प्वाइंट अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी जगह है जो धरती और सूरज के बीच सीधी रेखा में पड़ती है। धरती से इसकी दूरी 15 लाख किलोमीटर है। सूरज और धरती की अपनी-अपनी ग्रैविटी है। एल1 प्वाइंट पर ही इन दोनों की ग्रैविटी आपस में टकराती है। या यूं कहें जहां पर धरती की ग्रैविटी का असर खत्म होता है। वहां से सूरज की ग्रैविटी का असर शुरू होता है। इसी बीच के प्वाइंट को लैरेंज प्वाइंट कहते हैं।

क्या स्टडी करेगा आदित्य-एल1?

  • सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर होता है।
  • आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा।
  • सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा।
  • सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।

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