असियान में पीएम मोदी ने रखा चीन की ‘दुखती रग’ पर हाथ

-‘वन अर्थ, वन फैमिली’ की थीम पर जोर

जकार्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असियान सम्मेलन में चीन की दुखती रग पर हाथ रखा। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में प्रधानमंत्री ने यहां अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित करते हुए ‘वन अर्थ, वन फैमिली’ की थीम पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आसियान का भारत की हिंद-प्रशांत पहल में प्रमुख स्थान है। हमारी साझेदारी अब चौथे दशक में पहुंच रही है। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्रीय स्तंभ है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल के बावजूद हमारे बीच आपसी सहयोग लगातार बढ़ रहा है।

जी20 की थीम से चिढ़ता है चीन

चीन जी20 की इस बार की थीम से काफी चिढ़ा हुआ है। बीजिंग ने कहा था कि भारत का ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ थीम उसके वन बेल्ट वन रोड से प्रेरित है। हालांकि भारत ने यह थीम वसुधैव कुटुंबकम से प्रेरित होकर रखी है। चीन के विशेषज्ञों ने कहा था कि वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ ‘दुनिया एक परिवार’ होता है। लेकिन भारत ने इस में एक भविष्य भी जोड़ा है जो कि इसका हिस्सा नहीं है

आसियान में ये देश

आसियान सम्मेलन में जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और भारत मौजूद हैं। जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया क्वाड का भी हिस्सा हैं जो कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में बड़े सहयोगी के रूप में सामने आए हैं।

मोदी के 12 पॉइंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव के तहत भारत ने दक्षिणपूर्व एशिया को पश्चिमी एशिया यूरोप से जोड़ने वाले मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी की स्थापना का आह्वान किया। साथ ही आसियान साझेदारों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को शेयर करने की पेशकश की। आतंकवाद, टेरर फंडिंग और साइबर दुष्प्रचार से निपटने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

ड्रैगन ने अलापा शीत युद्ध का राग

असियान समिट में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि दुनिया को शीत युद्ध और किसी भी तरह की गुटबाजी व क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिद्वंदिता से बचना चाहिए मौजूदा स्थिति में यह बहुत जरूरी है कि किसी ब्लॉक में जाने से बचा जाए।
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