-सुरक्षा बलों ने चलाई रबर बुलेट; 25 से ज्यादा लोग घायल
-मणिपुर में महीनों से जारी हिंसा थमने का नहीं ले रहीं नाम
-दो तनावग्रस्त जिलों में बिगड़ गया है माहौल
(फोटो : मणिपुर1, 2 )
इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में महीनों से जारी हिंसा का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदर्शनकारी अब सुरक्षा बलों द्वारा लगाए गए कर्फ्यू को भी नहीं मान रहे हैं। बुधवार को मैतई प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने मणिपुर में दो तनावग्रस्त जिलों के बीच सुरक्षा बलों द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स की ओर मार्च करना शुरू कर दिया। इसके बाद सुरक्षा बलों को आंसू गैस और रबर बुलेट चलानी पड़ीं। कई लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। मैतेई नागरिक समाज समूहों की प्रमुख संस्था, समन्वय समिति (कोकोमी) के आह्वान के बाद, प्रदर्शनकारी मणिपुर के मैतेई-बहुल घाटी क्षेत्र में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बाहर आए।
जानकारी के अनुसार, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में बुधवार (6 सितंबर) को कर्फ्यू के बावजूद हजारों मैतेई प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने फौगाकचाओ इखाई में टिडिमरोड (इम्फाल-चुराचांदपुर रोड) पर सेना की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया। इसके बाद क्वाक्टा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग भी की। इससे 25 लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की फायरिंग के बावजूद प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स की ओर बढ़ते रहे।
घाटी के पांच जिलों में पूर्ण कर्फ्यू
बता दें कि मणिपुर के राज्य सरकार ने पांचों घाटी जिलों, इंफाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग में मंगलवार (5 सितंबर) शाम 6 बजे से अनिश्चितकाल के लिए पूर्ण कर्फ्यू लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि चूराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) और उसकी महिला इकाई द्वारा बुधवार को सभी घाटी जिलों के लोगों से सेना के एक बैरिकेड को हटाने के आह्वान के मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट में कर्फ्यू के घंटों में दी गई ढील समाप्त कर दी गई है। इन जिलों में रोजाना सुबह पांच बजे से लेकर शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।
प्रदर्शनकारियों की मांग
मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिले से 35 किमी दूर चुराचांदपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इन दोनों जिलों के बीच एक ऐसे क्षेत्र में बैरिकेड लगाए गए हैं जिसे सुरक्षा बल अस्थायी “बफर जोन” कहते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि फौगाकचाओ इखाई में बैरिकेड के कारण वे टोरबुंग में अपने घर जाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि जब 3 मई को जातीय हिंसा भड़की तो वे टोरबुंग से भाग गए थे।
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एडिटर्स गिल्ड को गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत
मणिपुर हिंसा को लेकर राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के चार मेंबर्स पर FIR दर्ज की है। इस मामले मंे अब ‘द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपने सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कराने की मांग की है। बुधवार, 6 सितंबर को मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एडिटर्स गिल्ड के चारों मेंबर्स को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने एडिटर्स गिल्ड सदस्यों द्वारा दायर रिट याचिका पर मणिपुर राज्य को नोटिस जारी करते हुए यह आदेश पारित किया। इस मामले की सुनवाई अगले सोमवार, 11 सितंबर को होगीष
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