हरिभूमि न्यूज : नई दिल्ली।
मोदी सरकार ने 18 सितंबर से 5 दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र का एजेंडा क्या होगा इसको लेकर अभी तक जहां सस्पेंस बरकरार है वहीं सरकार ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है। इंडिया गठबंधन के दलों की ओर से सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री के नाम एक चिट्ठी लिखकर कहा कि गठबंधन के 28 दल विशेष सत्र में महंगाई, बेरोजगारी, किसान, मणिपुर, चीन से लेकर बाढ़-सूखा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। सोनिया गांधी ने सवाल किया है कि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि विपक्ष को विशेष सत्र के एजेंडे के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि आम तौर पर विशेष सत्र से पहले बातचीत होती है, सहमति बनती है और इसका एजेंडा भी पहले से तय होता है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब बिना एजेंडा तय हुए कोई बैठक बुलाई जा रही है।
सोनिया गांधी ने चर्चा के 9 मुद्दे गिनाए
सोनिया गांधी ने विशेष सत्र में पांच दिन गवर्नमेंट बिजनेस के लिए आवंटित किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सोनिया ने नौ मुद्दे भी बताए हैं जिन पर विपक्ष चर्चा चाहता है। इनमें महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की मांगें, एमएसएमई, जातीय जनगणना, केंद्र-राज्य संबंध, चीन सीमा और सामाजिक सद्भाव के साथ ही अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग शामिल हैं।
गणेश चतुर्थी से नए संसद भवन में होगा विशेष सत्र
गणेश चतुर्थी (19 सितंबर) को नए संसद भवन में पहली बार आधिकारिक तौर पर काम शुरू होगा। सूत्रों के हवाले से बताया कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर को होने वाला है। पहले दिन का कामकाज पुरानी बिल्डिंग में ही होगा, लेकिन दूसरे दिन से सभी सांसद नए भवन में बैठेंगे।
ब्रायन ने कोरा कागज शेयर किया
इधर, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोशल साइट पर एक कोरे कागज की तस्वीर शेयर की है। कोरे कागज की तस्वीर शेयर करते हुए डेरेक ने कैप्शन में लिखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है, ये है एजेंडा। डेरेक का ये सोशल मीडिया पोस्ट ऐसे समय में आया है जब संसद के विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? इसे लेकर हंगामा बरपा है।
इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएंगे : गठबंधन
इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टी कांग्रेस ने घोषणा कर दी कि आने वाले विशेष सत्र में विपक्षी दल महंगाई, बेरोजगारी की बात करेंगे। किसानों के साथ हुए एमएसपी के वादे वाले मुद्दे उठाएंगे। अदाणी पर हो रहे खुलासों के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करेंगे। जातीय जनगणना से लेकर साम्प्रदायिक घटनाओं तक और मणिपुर के हालात और चीन की घुसपैठ से लेकर केंद्र राज्य संबंधों और बाढ़-सूखा राहत तक के मुद्दे उठाएंगे।
विशेष सत्र को लेकर इसलिए बरपा है हंगामा
दरअसल, सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया है। पांच दिन के इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? इसे लेकर सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एजेंडे की बात पर ये जरूर कहा था कि हम इसे लेकर भी चर्चा करेंगे। सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं आई है।
मोदी का गुणगान करने नहीं बैठेंगे- जयराम
संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक भी हुई. इस बैठक के बाद जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस इस सत्र में केवल मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेगी. पार्टी इस सत्र में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दे भी उठाएगी. देश के लिए जो मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, उन पर चर्चा के लिए पार्टी दबाव डालेगी।
एकता से घबरा गई सरकार: विपक्ष
इसके साथ इंडिया गठबंधन ने दावा किया है कि उसकी एकता से बीजेपी घबरा गई है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि विशेष सत्र में दो हफ्ते से भी कम का समय बचा है, पर सरकार ने अभी तक सत्र का एजेंडा नहीं बताया है। इससे यह सिद्ध होता है कि सरकार विपक्षी एकता से घबरा गई है और पारदर्शिता नहीं बरत रही है।
मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है भाजपा : खड़गे
विपक्षी गठबंधन के नेताओं के साथ मीटिंग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, ‘मोदी सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। किसी भी विपक्षी दल से न तो सलाह ली गई और न ही जानकारी दी गई। यह लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं है।
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