अयोध्या के संत का ऐलान, उदय का सिर कलम करने पर 10 करोड़ इनाम

–‘सनातन धर्म’ पर विवादित टिप्पणी, मंत्री पद से हटाने की भी मांग

–भड़की भाजपा ने पूछा-क्या मुंंबई में ऐसे बयान पर हुआ था फैसला

इंट्रो

सनातन धर्म के संबंध में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां कर तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के पुत्र उदयनिधि स्टालिन घिर गए हैं। दिल्ली में केस दर्ज होने के बाद अब बिहार में सीएम और मंत्री उदयनिधि के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इधर, रामनगरी अयोध्या में तपस्वी छावनी के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि के सिर कलम करने पर 10 करोड़ रुपए का इनाम रखा है।

नई दिल्ली। रामनगरी अयोध्या में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे व डीएमके पार्टी के नेता उदयनिधि स्टालिन का पुतला जलाया गया। सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर अयोध्या के तपस्वी छावनी के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि का पुतला दहन किया। इस दौरान प्रतीकात्मक रूप से सिर कलम किया। परमहंस आचार्य ने कहा कि जो भी उदयनिधि का सिर कलम करके लाएगा, उसे 10 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उदयनिधि के द्वारा सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह देश से समाप्त करने की बात से वह काफी आहत हुए हैं। इधर, भाजपा ने विपक्ष पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस से सवाल कि क्या ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने धर्म को निशाना बनाने के लिए मुंबई में बैठक की थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उदयनिधि जो कहा है, वह चौंकाने वाला और शर्मनाक है। केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म पर हमला मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक के दौरान तय की गई साजिश का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘घमंडिया गठबंधन’ के नेताओं में भारत की सभ्यता, मूल आस्था, सनातन धर्म और हिंदू धर्म को गाली देने, कोसने और अपमानित करने की एक प्रतियोगिता सी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन बैठकों के बाद भी विपक्षी गठबंधन अपना संयोजक और नेता तय नहीं कर सका है, लेकिन ‘सनातन धर्म’ को ‘नीचा दिखाने’ की उन्होंने नीति जरूर तय कर ली है। प्रधान ने उदयनिधि की टिप्पणी पर राकांपा प्रमुख शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन पर वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।

लाखों वर्ष पहले एक ही धर्म था

अयोध्या में परमहंस आचार्य ने कहा कि लाखों वर्ष पहले एक ही धर्म था, वह था सनातन धर्म। दो हजार वर्ष से कुछ पेंट धर्म बने हैं। पहले एक ही धर्म था, वह था सनातन धर्म। सनातन धर्म का न कोई आदि है और न ही कोई अंत है। सनातन धर्म न कभी मिटा है और न कभी मिट सकता है। हां सनातन धर्म को अगर कोई मिटाने की कोशिश करेगा और उसकी बात करेगा तो वह जरूर मिट जाएगा। गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि आज मैं 10 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा करता हूं, जो डीएमके नेता उदयनिधि का सिर काट कर ले आएगा, उसे मैं 10 करोड़ रुपए का इनाम दूंगा। अगर, कोई उसका सिर नहीं लाया तो मैं खुद उसका सिर कलम करने जाऊंगा। मैंने तलवार तैयार कर ली है। मैं स्वयं रवाना होने वाला हूं और उसका सिर काटूंगा।

उदयनिधि के खिलाफ अब बिहार में याचिका

उदयनिधि स्टालिन के सनातन खत्म करने वाले बयान पर अब बिहार के मुजफ्फरपुर में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। ये याचिका सुधीर कुमार ओझा ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट में फाइल की है। इस पर 14 सितंबर को सुनवाई होगी। इससे पहले उदयनिधि के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी।

भाजपा ने सौंपा विरोध पत्र

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद हर्षवर्धन और प्रवेश वर्मा समेत एक प्रतिनिधिमंडल तमिलनाडु भवन पहुंचा और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को संबोधित करते हुए एक विरोध पत्र सौंपा। सचदेवा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के सदस्यों और नेताओं को ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ उदयनिधि की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने बयान से उदयनिधि स्टालिन ने वह करने की कोशिश की है जो सैकड़ों वर्षों में विदेशी आक्रमणकारी भी करने में विफल रहे। उन्होंने ‘100 करोड़ सनातन धर्मी भारतीयों के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण’ दिया है।

स्टालिन बोले-प्रतिशोध की भावना से काम कर रही केंद्र सरकार

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भाजपा नीत सरकार पर विरोधी दलों के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों के खिलाफ प्रतिशोध की भावना रखने और उनकी संप्रभुता को नष्ट करने का आरोप लगाया। पॉडकास्ट श्रंखला ‘स्पीकिंग फॉर इंडिया’ के अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी कठोर गतिविधियों के माध्यम से पूरे देश को तबाह करने का प्रयास कर रही है। सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्ष राजनीति, समाजवाद, समानता, सामाजिक सद्भाव, राज्यों की स्वायत्तता, संघवाद, विविधता में एकता जैसे पहलू जिस भारत में अपनी पूरी महिमा के साथ पनपते हैं वही असली भारत है। एक अद्वितीय भारत। उन्होंने कहा, मौजूदा भाजपा नीत केंद्र सरकार, विरोधी दलों वाले राज्य सरकारों के खिलाफ सिर्फ प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है।

कड़वे बोल पर शुरू हुआ विवाद

उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि ने कहा- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।

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