शिक्षक प्रमोशन घोटाला
बिलासपुर। शिक्षक प्रमोशन घोटाले में राज्य सरकार ने शिक्षकों के प्रमोशन को रद्द कर दिया है। अब संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर की बात भी कही जा रही है। प्रमोशन आदेश रद्द होने के खिलाफ कोर्ट में होने वाली अपील को देखते हुए शासन नेे कैविएट भी लगा दिया है। 29 अगस्त काे दायर कैविएट के अनुसार राज्य शासन के पक्ष को सुने बिना अब कोई फैसला नहीं देने की अपील की गई है।
कैविएट की सूचना से साफ है कि राज्य सरकार ने सभी प्रमोशन संशोधन को निरस्त कर दिया है। हेडमास्टर व शिक्षक के तमाम प्रमोशन को 9 अगस्त के आदेश से ही निरस्त कर दिया है। अब विभाग की तरफ से सिर्फ औपचारिक निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके लिए 4 अगस्त को ही विधि विधायी विभाग ने महाधिवक्ता को पत्र भेजकर कैविएट दायर करने को कहा था। इसी बीच, शिक्षा विभाग ने 9 अगस्त को सभी संशोधन आदेश निरस्त कर दिया। अब विभागों से संभागवार निरस्तीकरण आदेश जारी किया जाएगा। पत्र में साफ कहा गया है कि शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक संभागीय संयुक्त संचालक की तरफ से पदोन्नति के बाद किए गए संशोधन को निरस्त करने का आदेश जारी होने के बाद प्रभावित शिक्षक हाईकोर्ट जा सकते हैं। उम्मीद है कि उन्हें स्टे भी मिल जाए, ऐसे में असंतुष्ट शिक्षकों की तरफ से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायरकर एकपक्षीय स्थगन प्राप्त ना किया जा सके, इसको को ध्यान में रखते हुए कैविएट दायर किया गया है।
सहायक शिक्षकों की भर्ती रहेगी जारी
बिलासपुर। सहायक शिक्षकों के भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी। एसएलपी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने इस बीच की गई नियुक्तियों को हाईकोर्ट के अंतिम आदेश से बाधित कर दिया है। ज्ञात हो कि सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बीएड अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का विरोध करते हुए डीएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर बीएड योग्यता वाले अभ्यर्थियों की अंतरिम चयन सूची व काउंसिलिंग पर रोक लगा दी थी। इसे हरिशंकर व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से पहले ही चयन प्रक्रिया चल रही थी। इस स्तर पर उसे बाधित करना उचित नहीं है, यह जारी रहेगी। इसके साथ ही बेंच ने इस बीच की गई नियुक्तियों को हाईकोर्ट के अंतिम आदेश से बाधित रखने का निर्देश भी दिया है।
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