—पांच राज्यों में जमकर प्रदर्शन, केंद्र 2410 रुपए प्रति क्विंटल में खरीद रही प्याज
— 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी का हो रहा विरोध
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नासिक, अहमदनगर और मुंबई में किसानों का प्रदर्शन
मप्र में सांसदों का घेराव और मंडी बंद करने की चेतावनी
पंजाब में 16 किसान संगठनों का प्रदर्शन, एक की मौत
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इंट्रो
प्याज के बढ़े हुए टैक्स को लेकर देश के कई राज्यों में किसान सड़क पर उतर आए। एशिया का सबसे बड़ा प्याज मार्केट महाराष्ट्र का लसलगांव पिछले दो दिन से बंद है। पंजाब-हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में हजारों किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ के लिए 2,410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज की खरीद शुरू कर दी है।
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नई दिल्ली/भोपाल/ मुंबई। केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाए जाने के फैसले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस फैसले के विरोध में महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेशऔर उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलित हैं। मध्य प्रदेश के रतलाम में विभिन्न किसान संगठनों ने मंडियों में नीलामी बंद करवा कर आंदोलन की शुरुआत कर दी है। महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर और मुंबई में किसानों ने प्रदर्शन किया। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार अगर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा देगी तो निर्यात कम होगा। इससे घरेलू मार्केट में प्याज की कीमतें गिरेंगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा। इस बीच, अखिल भारतीय किसान सभा (एबीकेएस) ने किसानों से राज्य की सभी बाजार समितियों की नीलामी बंद करके राज्य भर में अपना आंदोलन बढ़ाने का आग्रह किया है। वहीं, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन सड़कों पर उतर आया है और शिरडी-सूरत हाईवे जाम कर दिया है। मध्यप्रदेश के इंदौर में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया। किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। रतलाम में किसानों ने मंडी में नीलामी बंद रखी। मंडी का गेट भी बंद कर दिया। उनकी मांग है कि निर्यात शुल्क का निर्णय वापस लिया जाए। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। मालवा प्रांत के 15 जिलों में भी ज्ञापन दिए गए हैं। ज्ञापन देने लगभग 400 लोग पहुंचे थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं।
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क्यों हो रहा विरोध
वित्त मंत्रालय ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 अगस्त को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर जारी रहेगा। इसका महाराष्ट्र के कई प्याज उत्पादक विरोध कर रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर लिखा, प्याज के मुद्दे पर मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से बात की। केंद्र सरकार 2,410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दो लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदेगी।
केंद्रीय मंत्री बोले-2,410 में खरीद रहे
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को आरोप लगाया कि कुछ ‘राजनीतिक विरोधी’ प्याज पर लगाए गए निर्यात शुल्क को लेकर ‘गलत तस्वीर’ पेश कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से चिंता न करने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ के लिए 2,410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज की खरीद फिर शुरू कर दी है। सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 अगस्त को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था। यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर जारी रहेगा। इसके साथ ही केंद्र ने किसानों से दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ‘बफर स्टॉक’ का आकार बढ़ाएगी और जरूरत पड़ने पर किसानों से अधिक खरीद करेगी।
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नासिक-अहमदनगर में विशेष खरीद केंद्र
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने 2,410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से दो लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का फैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे प्याज उत्पादकों को थोड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में नासिक और अहमदनगर में विशेष खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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कांग्रेस बोली- सरकार उद्योगपतियों की समर्थक
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि भाजपा-शिवसेना सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों की समर्थक है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार प्याज की कीमतें कम रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और उसे किसानों के हितों की कोई परवाह नहीं है। हम केंद्र सरकार के इस फैसले (प्याज पर निर्यात शुल्क लगाना) की निंदा करते हैं।
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