—15 से 20 मिनट में चांद पर पहुंचेगा विक्रम, चांद पर अशोक स्तंभ की छाप छोड़ेगा प्रज्ञान रोवर
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चंद्रयान-3
25 किमी की दूरी
23 अगस्त
6.40 बजे शाम
नई दिल्ली। चंद्रयान 3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर चांद के चक्कर लगा रहा है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है और अब 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रच देगा और ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की है। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह पर 23 अगस्त 2023 को शाम 6.04 बजे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इसरो ने यह जानकारी दी है। बता दें कि पहले बताया गया था कि लैंडर चांद पर शाम 5.45 बजे लैंड करेगा लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है।
भारत बन जाएगा पहला देश!
अमेरिका, रूस और चीन ने चांद की सतह पर सॉप्ट लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की है लेकिन अभी तक चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में किसी देश के स्पेसक्राफ्ट ने लैंडिंग नहीं की है। भारत अगर इसमें सफल हो जाता है तो वह यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन जाएगा। अमेरिका के सर्वेयर-1 ने 1966 में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। चीन के चांग-3 ने अपने पहले ही प्रयास में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। वहीं सोवियर संघ के लूना-9 ने भी सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग की थी।
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रूस का स्पेसक्राफ्ट चांद पर क्रैश
रूस का चंद्र मिशन लूना-25 असफल हो गया है। खबर आ रही है कि रूस का स्पेसक्राफ्ट चांद पर क्रैश हो गया है। तकनीकी खराबी के चलते पहले ही रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने लूना-25 के असफल होने की आशंका जाहिर की थी। रॉस्कॉस्मॉस ने बताया कि लूना-25 के फ्लाइट प्रोग्राम के अनुसार प्री-लैंडिंग कक्षा (18 किमी गुना 100 किमी) में प्रवेश कराने के लिए कमांड दिया गया था। ये कमांड भारतीय समयानुसार शनिवार दोपहर 04:30 बजे दिया गया था। इस दौरान लूना पर इमरजेंसी कंडीशन बन गई क्योंकि स्पेसक्राफ्ट एक्चुअल पैरामीटर के अनुसार थ्रस्टर फायर नहीं कर पाया। स्पेस एजेंसी ने कहा कि शुरुआती एनालिसिस के नतीजों से पता चलता है कि कैलकुलेशन से जो पैरामीटर सेट किए गए थे उन पैरामीटरों से स्पेसक्राफ्ट डेविएट हो गया। कैलकुलेटेड वैल्यू जितनी चाहिए थी ये उससे ज्यादा थी। इससे थ्रस्टर ज्यादा देर के लिए फायर हुए और स्पीड कम होने से स्पेसक्राफ्ट एक ऑफ-डिजाइन ऑर्बिट में चला गया और चांद पर क्रैश हो गया।
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लूना-25
11 अगस्त को लांच
16 अगस्त को आर्बिट पर पहुंचा
20 अगस्त को हो गया क्रैश
5:27 बजे शाम को टूटा संपर्क
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