सबसे भ्रष्ट गृह मंत्रालय के अफसर, रेलवे और बैंक की भी कई शिकायतें

—केंद्रीय सतर्कता आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

—1,15,203 शिकायतें मिलीं, 85437 का निपटारा, 29766 अब भी लंबित

इंट्रो

केंद्रीय सतर्कता आयोग की हाल ही में जारी वार्षिक रिपोर्ट में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले साल भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ आई हैं। इसके बाद रेलवे और बैंक अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं।

नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल केंद्र सरकार के सभी विभागों और संगठनों में सभी श्रेणियों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ऐसी कुल 1,15,203 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 85,437 शिकायतों का निपटान किया जा चुका है जबकि शेष 29,766 शिकायतें लंबित हैं। इनमें से 22,034 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं। एक अधिकारी ने कहा कि सीवीसी ने शिकायतों की जांच करने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारियों के लिए तीन महीने की समय-सीमा निर्धारित की है, जो संस्था की दूरस्थ शाखा के रूप में कार्य करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जहां गृह मंत्रालय को उसके अधिकारियों के खिलाफ 46,643 शिकायतें मिलीं, वहीं रेलवे को 10,580 शिकायतें और बैंकों को 8,129 शिकायतें मिलीं। रिपोर्ट में कहा गया कि गृह मंत्रालय के कर्मियों के खिलाफ कुल शिकायतों में से 23,919 का निपटान कर दिया गया और 22,724 शिकायतें लंबित रहीं, जिनमें से 19,198 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं। रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे ने 9,663 शिकायतों का निपटारा कर दिया है, जबकि 917 शिकायतें लंबित हैं, जिनमें नौ शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं। बैंकों ने भ्रष्टाचार की 7,762 शिकायतों का निपटारा किया, 367 लंबित थीं, जिनमें 78 शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली के कर्मियों के खिलाफ 7,370 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 6,804 शिकायतों का निपटान हो गया और 566 शिकायतें लंबित रहीं जिनमें से 18 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं।

गृह मंत्रालय की 22 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग

रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ कुल शिकायतों में से 23,919 का निपटारा कर दिया गया और 22,724 लंबित हैं। इनमें से 19,198 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय से लंबित हैं। इस रिपोर्ट को हाल ही में सार्वजनिक किया गया है। इसमें कहा गया है कि रेलवे ने 9,663 शिकायतों का निपटारा कर दिया है, जबकि 917 का निपटान लंबित है। 9 शिकायतें 3 महीने से ज्यादा समय से लंबित हैं।

इन मंत्रालयों में भी भ्रष्टाचार

रिपोर्ट के अनुसार, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग समेत), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी), दिल्ली शहरी कला आयोग, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड, आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड, एनबीसीसी और एनसीआर योजना बोर्ड के कर्मियों के खिलाफ 4,710 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 3,889 शिकायतों का निपटान हुआ जबकि 821 शिकायतें लंबित रहीं और 577 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं।

बीमा कंपनी का ऐसा हाल

सीवीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि 987 शिकायतें बीमा कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ, 970 कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ और 923 इस्पात मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ थीं।

कहां कितनी शिकायतें—

46643-गृह मंत्रालय

10580- रेलवे

8129 -बैंक

4236 श्रम मंत्रालय

2617 पेट्रोलियम मंत्रालय

1619 दूरसंचार

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