- देशभर के अफसरों की बनाई गई खास टीम, इसमें 29 महिलाएं
- तीन डीआईजी और एक पुलिस सुपरिंटेंडेंट करेंगे मॉनीटरिंग
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नई दिल्ली। मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए सीबीआई ने 53 अधिकारियों की टीम बनाई है। सीबीआई की इस स्पेशल 53 में 29 महिला अधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही जांच के लिए तीन डीआईजी स्तर के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है, जो टीम की निगरानी करेंगे। वहीं, सीबीआई मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार समेत आपराधिक हिंसा से जुड़े 17 मामलों की जांच करेगी।
इन अफसरों को देशभर के सीबीआई ऑफिस से इकट्ठा किया गया है। डीआईजी अधिकारियों के नाम हैं- लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता। जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय इस पूरी जांच प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। पुलिस सुपरिंटेंडेंट राजवीर उन्हें रिपोर्ट करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला मोबिलाइजेशन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला अधिकारियों को एक साथ सर्विस में तैनात किया गया है। दो अतिरिक्त महिला पुलिस सुपरिंटेंडेंट्स और छह महिला डिप्टी सुपरिंटेंडेंट्स भी इस टीम का हिस्सा हैं। इसके अलावा 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्टपेक्टर्स भी इस टीम का हिस्सा रहेंगे।
पुलिस बल की मदद नहीं लेगी सीबीआई
अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर जब किसी राज्य में हिंसा से जुड़े कई मामलों को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाता है, तो एजेंसी जनशक्ति मुहैया करवाने के लिए उसी राज्य पर आश्रित रहती है। लेकिन मणिपुर के मामलों की जांच में सीबीआई लोकल अधिकारियों को शामिल नहीं करना चाहती है, ताकि जांच में पक्षपात के आरोप न लगें। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई जिन मामलों की जांच कर रही है, उनमें से कई मामलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 का प्रावधान शामिल हो सकता है, जिसकी जांच डिप्टी सुपरिंटेंडेंट रैंक का अधिकारी करेगा।
17 मामलों की जांच करेगी सीबीआई
सीबीआई को मणिपुर हिंसा से 17 मामले जांच के लिए सौंपे गए हैं। सीबीआई ने अब तक 8 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मणिपुर में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित दो मामले भी शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई के पास और केस भी आ सकते हैं। इसमें खासकर महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न, कुकी महिला के वायरल वीडियो के मामले शामिल होंगे। इसके अलावा 9 अगस्त को मैतेई महिला से गैंगरेप का मामला सामने आया था। इसकी जांच भी सीबीआई को दी जा सकती है।
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160 से ज्यादा मौतें
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 3-5 मई के बीच 59 लोग, 27 से 29 मई के बीच 28 लोग और 13 जून को 9 लोगों की हत्या हुई थी। 16 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक हिंसा नहीं हुई थी।
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