- भारतीय वायुसेना का नवीनतम ‘वैपन’ हेरॉन मार्क 2 करेगा निगरानी
-सैटेलाइट क्षमता से युक्त होने के कारण इनकी रेंज है बहुत ज्यादा
(फोटो : ड्रोन)
नई दिल्ली। पाकिस्तान और चीन दोनों की ही तरफ से नापाक हरकतों पर नजर रखने के लिए भारतीय वायुसेना ने अपने लैटेस्ट हेरॉन मार्क 2 ड्रोन तैनात कर दिए हैं। खास बात यह है कि ये ड्रोन मिसाइल से भी लैस हैं और एक बार उड़ान भरने के बाद चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों के साथ लगने वाली सीमाओं की निगरानी कर सकते हैं। वहीं उत्तरी सेक्टर में फॉरवर्ड बेस पर चार हेरॉन मार्क 2 ड्रोन को लॉन्ग रेंज मिसाइल वेपन सिस्टम से लैस करके तैनात किया गया है।
ये ड्रोन सैटलाइट कम्युनिकेशन क्षमता से युक्त हैं ऐसे में काफी दूर से भी इन्हें संचालित किया जा सकता है। इसके अलावा ये लेजर टेक्निक से दुश्मन के ठिकानों को चिह्नित करने में सक्षम हैं जिससे कि फाइटर एयरक्राफ्ट लॉन्ग रेंज वेपन का इस्तेमाल करके इन्हें ध्वस्त कर सकें। यह ड्रोन इतना शक्तिशाली है कि एक ही जगह से पूरे देश पर नजर रख सकता है।
इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टारगेट
ड्रोन स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर पंकज राणा ने कहा, एक ही उड़ान से कई अभियान चलाए जा सकते हैं। यह इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टारगेट तीनों काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह ड्रोन 24 घंटे निगरानी करने में सक्षम है। यह ड्रोन किसी भी मौसम में संचालित किया जा सकता है और यह अपना काम करने में सक्षम है । यह एयरफोर्स में सबसे बड़ी अनमैन मशीनरी है। इसके अलावा इन ड्रोन को अलग-अलग तरीके के हथइयारों से लैस किया जा सकता है जिसमें एयर टू ग्राउंड मिसाइल, एंटी टैंक वेपन और बम शामिल हैं। एक पायलट ने बताया कि हेरॉन के नए वर्जन पुराने से काफी बेहतर हैं।
माइनस डिग्री में भी करेगा काम
अधिकारियों ने कहा, हेरॉन मार्क 2 जीरो से नीचे तापमान होने पर भी काम कर सकता है। यह वायुसेना की बड़ी मदद करने वाला है। भारतीय वायुसेना प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही है। इसके तहत लगभग 70 ड्रोन को हथियारों से लैस किया जाना है। इसके अलावा भारतीय सेना को 31 प्रीडेटर ड्रोन भी मिलने वाले हैं जो कि नौसेना की बड़ी मदद करेंगे। भारतीय नौसेना के पास इस तरह के 15 ड्रोन होंगे। इसके अलावा 8-8 ड्रोन अन्य सेनाओं को दिए जाएंगे।
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