अतीक-अशरफ हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल, यूपी सरकार को भी फटकार

(फोटो : अतीक)

नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। अतीक की बहन नूरी की ओर से सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसमें रिटायर्ड जज के नेतृत्व में इस मामले की जांच करवाने की अपील की गई थी। सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान एक अहम टिप्पणी की और कहा कि अतीक के मर्डर के वक्त कई पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात थे, फिर भी कई शूटर आकर मार देते हैं। आखिर ये संभव कैसे हुआ? कोई जरूर अपराधियों से मिला हुआ था।

अदालत के यूपी सरकार से सख्त सवाल

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जेलों से अपराध का नेक्सस चल रहा है, साथ ही सवाल किया है कि आरोप पत्र में कितने लोगों को आरोपी बनाया गया है। दरअसल, यूपी सरकार ने जानकारी दी थी कि एसआईटी ने ट्रायल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था, हम इस याचिका पर जल्द ही विस्तृत जानकारी देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यूपी ने कितनों को आरोपी बनाया है, एनएचआरसी के इसमें क्या निर्देश हैं। एससी की फटकार पर यूपी सरकार की ओर से एसआईटी की जांच होने, तीन को आरोपी बनाए जाने की बात बताई गई है। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में राज्य सरकारों को सतर्क रहना चाहिए, किसी को पुलिस की सुरक्षा में मार दिया गया ऐसे में लोगों को भरोसा ही उठ जाता है।

अदालत ने अब सरकार को निर्देश दिया है कि इस मामले में डीजीपी या अन्य किसी वरिष्ठ अफसर द्वारा हलफनामा दायर कीजिए, इसके अलावा यूपी के एडवोकेट जनरल का भी बयान दर्ज होना चाहिए. अदालत ने साफ किया है कि क्योंकि राज्य पहले ही जांच आयोग गठित कर चुका है, इसलिए कोर्ट सिर्फ दिशानिर्देश पर सुनवाई करेगा और राज्य सरकार से उसी पर सवाल किए जाएंगे। गौरतलब है कि कई मामलों में दोषी रहे अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को 15 अप्रैल की देर रात को प्रयागराज में गोली मार दी थी। प्रयागराज में पत्रकार के रूप में आए हमलावरों ने करीब 18 गोलियां दागीं, इनमें 8 गोली अतीक अहमद को भी लगी थीं। अतीक-अशरफ के परिवार ने इसे सुनोयिजित बताया था और सरकार पर सवाल खड़े किए थे।

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