नई दिल्ली। नौकरी के बदले जमीन घोटाले के केस में ईडी ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर बड़ा एक्शन लिया है। यादव फैमिली से जुड़ी 6 करोड़ रुपए की संपत्ति को ईडी ने अटैच कर लिया है। ये संपत्तियां पटना और गाजियाबाद में बताई जा रही हैं। यह कार्रवाई दिल्ली के ईडी ऑफिस की ओर से की गई है। ईडी ने इस मामले में बीते कुछ महीनों में प्रसाद की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनके बच्चों- बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद से राज्यसभा की सदस्य मीसा भारती, चंदा देवी और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं। कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2004-09 की अवधि में भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में कई लोगों को ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्त किया गया, जिसके बदले उनसे लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम उनकी जमीन हस्तांतरित कराई गई।
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ईडी ने कहा था- 600 करोड़ का घोटाला
नौकरी के बदले जमीन केस में ईडी ने कहा था कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए के लेनदेन हुए हैं। 24 जगह छापे मारे गए हैं। इनमें एक करोड़ कैश मिले हैं। रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की भर्ती में 50% कैंडिडेट्स की भर्ती लालू परिवार के चुनावी क्षेत्रों से हुई है।
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रेल मंत्री रहते हुए दी थी नौकरी
लालू यादव यूपीए-2 में 2004 से 2009 के बीच मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थी। उसी दौरान पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे में अवैध तरीके से बहाली की गई। उस नियुक्ति के लिए रेलवे की ओर कोई नोटिस या वैकेंसी नहीं निकाली गई थी। उम्मीदवारों के आवेदनों को बिना पूरे पते के भी स्वीकृति देकर उन्हें नियुक्त कर दिया गया था। कुल मिलाकर रेल मंत्री रहते लालू यादव कथित तौर पर 7 उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरी दी थी। पहले उनकी नौकरी प्रॉविजनल थी।
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