—‘इंडिया’ के सांसद आज करेंगे दौरा, कांग्रेस से अधीर और फूलोदेवी नेताम
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मणिपुर में हिंसा के 80 दिन से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन वहां हालात अब भी नहीं बदले हैं। इस मामले में सियासी संग्राम भी थमते नहीं दिख रहा है। लोकसभा में शुक्रवार को विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की। इधर, राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और टीएमसई सांसद डेरेक ओब्रायन के बीच जमकर बहस हुई
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नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को भी पिछले कुछ दिन की तरह मणिपुर मुद्दे को लेकर गतिरोध बरकरार रहा। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही सदन ने तीन विधेयक पारित किए। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही। नारेबाजी के बीच ही कुछ आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखे गए। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सांसदों से कहा कि इस पर लोकसभा अध्यक्ष फैसला करेंगे। विपक्ष के कई सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने 12 बजकर करीब 35 मिनट पर कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद में शनिवार और रविवार को अवकाश होता है। इससे पहले, कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल के तहत विधि एवं न्याय मंत्रालय से संबधित पूरक प्रश्न पूछने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद ए एम आरिफ का नाम पुकारा। इसी दौरान विपक्षी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करने लगे और मणिपुर का मुद्दा उठाने लगे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 10 मई 1978 को तत्कालीन सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और उस पर उसी दिन चर्चा शुरू हो गई थी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, नियम के अनुसार 10 दिन का समय होता है। आप (बिरला) जब भी निर्णय लेंगे, हम तैयार हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा, प्रश्नकाल सबके लिए महत्वपूर्ण समय होता है। यह प्रश्नकाल आपका है। इससे सरकार की जवाबदेही तय होती है सदन नियम-कानून से चलता है।
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विपक्ष के 20 सांसद आज करेंगे दौरा
नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के 20 सांसद शनिवार से मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जनता दल (यू) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल होंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
इस बीच, मणिपुर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच को करनी थी, लेकिन वे तबीयत खराब होने के चलते कोर्ट नहीं आए। इस वजह से जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने लंबित मामलों की सुनवाई आज नहीं हुई।
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मणिपुर से बाहर सुनवाई की अपील
गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की अपील की है। अब तक इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना का वीडियो जिस मोबाइल से बनाया गया था, उसे भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने सीबीआई को मोबाइल सौंप दिया है। वीडियो शूट करने वाले शख्स को भी अरेस्ट कर लिया गया है।
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रिटायर्ड जज से कराएं जांच
सांसदों के दल के मणिपुर जाने से पहले लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मणिपुर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की है। गोगोई के मुताबिक- भाजपा चाहती है कि मणिपुर में सब अच्छा-अच्छा ही दिखाया जाए, लेकिन वहां लगातार हिंसा हो रही है।
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