-रिफंड प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य.
(फोटो : सहारा)
नई दिल्ली। सहारा समूह की सहकारी समितियों में फंसे 10 करोड़ लोगों के पैसे वापस मिलने की उम्मीद जगी है। 18 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई एक घोषणा से सहारा सहकारी समितियों के निवेशकों की जान में जान आई है। दरअसल, जिन भी लोगों का पास इसमें फंसा था उन्हें रिफंड प्राप्त करने का मौका दिया जा रहा है। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिसका नाम सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल है। इस पर वैध दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन कर निवेशक अपने रिफंड का दावा कर सकते हैं। गौरतलब है कि केवल उन्हीं लोगों की रिफंड की मांग पर विचार किया जाएगा जिन्होंने इस पोर्टल के जरिए आवेदन किया होगा। यह पोर्टल 29 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में दिए गए एक आदेश का नतीजा है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 चार सहारा समूह सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को रिफंड देने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया था।
इन दस्तावेजों की है जरूरत
इसके लिए आपको आधार कार्ड नंबर, डिपॉजिटर का मेंबरशिप नंबर, डिपॉजिट का प्रमाणपत्र या पासबुक नंबर, आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर, जहां रिफंड आना है उस खाते का नंबर व पैन कार्ड जैसे दस्तावेज होने चाहिए. आधार से जुड़े बैंक खाते के बिना जमाकर्ता रिफंड का दावा नहीं कर सकता है।
यह है रजिस्ट्रेशन से लेकर पैसा पाने का प्रोसेस
आपको सीआसीएस सहारा रिफंड पोर्टल के होम पेज पर जाकर डिपॉजिटर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना होगा। यहां आपसे से आधार कार्ड के अंतिम 4 अंक मांगे जाएंगे। इसके अलावा आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर भी मांगा जाएगा। इसे सही से भरें और गेट ओटीपी पर क्लिक करें। रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी आएगा जिसे स्क्रीन पर दर्ज करना होगा। इसके बाद प्रोसेस को पूरा करने के लिए वेरिफाई ओटीपी पर क्लिक करें। इसके बाद आपको क्लेम सबमिट करना होगा जिसका आपको एक एक्नोलेजमेंट नंबर मिलेगा। इसके साथ ही आपके मोबाइल पर एक मैसेज भी आएगा। रिफंड का दावा सबमिट होने के 45 दिन के बाद जमाकर्ता के खाते में रिफंड भेज दिया जाएगा। 50,000 से अधिक का रिफंड है तो आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है।
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