- यूक्रेन के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वाकया
 
इस्लामाबाद। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावn भुट्टो जरदारी से मुलाकात की थी। इसके बाद दोनों मंत्रियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने पाकिस्तान के लिए मुश्किल खड़ी कर दी हैं। रूस ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से एक रूसी पत्रकार को निकालने पर पाकिस्तान से जवाब मांगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन की ओर से कहने पर पाकिस्तान ने एक रूसी पत्रकार को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर निकाल दिया था। पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने पहले ही इस बात की आशंका जताई थी कि यह एक बड़ी कूटनीतिक विफलता है और रूस इस पर जरूर नाराज होगा। यूक्रेन के विदेश मंत्री की यह यात्रा पाकिस्तान के लिए ऐतिहासिक थी। दोनों देशों के 1993 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद यह पहली बार है जब यूक्रेन का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचा हो। उनकी इस यात्रा के मौके पर पाकिस्तान पूरी कोशिश कर रहा था कि वह बैलेंस बना कर चले। रूस इस यात्रा से पहले ही नाराज था, लेकिन अंत में पाकिस्तान ने इस नाराजगी को और भी बढ़ा दिया।
पत्रकार को निकाला बाहर
जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले यूक्रेन ने कथित तौर पर पाकिस्तान से कहा था कि इस मौके पर कोई भी रूसी पत्रकार मौजूद न रहे। हालांकि अनजाने में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक रूसी रिपोर्टर मौजूद था। इसका पता चलने पर पाकिस्तान के अधिकारियों ने उसे परिसर से बाहर निकल जाने को कहा। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बाहर जाते समय रिपोर्टर ने कहा कि वह इस मामले की खबर इस्लामाबाद में मौजूद अपने दूतावास के सामने रखेगा। अब इस मामले में रूसी दूतावास एक्टिव हो गया है।
रूस हुआ नाराज
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामाबाद में रूसी दूतावास ने विदेश कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है और कहा कि यह पत्रकारों के सूचना तक पहुंचने के अधिकार पर प्रतिबंध की तरह है। यह अस्वीकार्य है। पाकिस्तान के पत्रकार कामरान यूसुफ ने कहा था कि अगर यह पाकिस्तान करता तो शायद कुछ न होता। लेकिन यूक्रेन के कहने पर करना इस मुद्दे को बढ़ाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि रूस इस यात्रा से नाराज है और इसी कारण इसी हफ्ते बिलावल भुट्टो की ओर से आयोजित डिनर में रूस का कोई प्रतिनिधि नहीं था। जबकि यहां सभी देशों के दूतावास के अधिकारी थे।
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