गांव में गिरा पहाड़, 12 की मौत, कई दबे

—-आपदा और हादसा में 21 की मौत

—-महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन

— गांव में रहने वाले 103 लोगों की पहचान की गई

गुरुवार को देश में एक आपदा और एक हादसा ने दिल दहला दिया। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन हो गया। इरशालवाड़ी गांव में 12 लोगों की मौत हो गई, वहीं मिट्टी में कई लोग दब गए। गुरुवार शाम तक बचाव अभियान चलता रहा। इधर, गुजरात के अहमदाबाद में एक ब्रिज में खड़ी भीड़ में जगुआर घुस गई, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई।

मुंबई। महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के एक गांव में भूस्खलन से बारह लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ। यह घटना इलाके में लगातार मूसलाधार बारिश के चलते हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से बातचीत की। उन्होंने कहा, अब तक, खोज और बचाव टीम ने 12 शव बरामद किए हैं। कम से कम 103 ऐसे लोगों की पहचान की गई है जो वहां रह रहे थे। उनमें से कुछ धान के खेतों में काम के लिए बाहर गए थे और कुछ बच्चे आवासीय स्कूलों में थे। उन लोगों की तलाश की जा रही है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्र में बचाव एवं राहत अभियान चलाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की सूची में नहीं था। अब हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाना है।

शिंदे ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। लगातार भारी बारिश हो रही है और मलबे का 20 फुट ऊंचा ढेर लग गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बचाव अभियान के लिए मशीनरी ले जाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के लिए दो हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण वे उड़ान नहीं भर पाए हैं। भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए (अस्थायी आश्रयों के रूप में) 50 से 60 कंटेनर की व्यवस्था की गई है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना है। शिंदे ने कहा, हम जल्द ही भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों के उचित पुनर्वास के लिए कदम उठाएंगे। मैंने संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर से बात की है और इन ग्रामीणों के स्थायी पुनर्वास के बारे में तुरंत चर्चा की है। हम इसे युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। इससे पहले दिन में, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने एक बयान में कहा कि वहां 48 परिवार रह रहे थे। उन्होंने कहा, घायलों का चिकित्सा व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हम मृत व्यक्तियों के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की घोषणा करेंगे। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की चार टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि दमकल दल और कुछ स्थानीय ट्रैकर्स भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं।

गांव में 50 घर

अधिकारी ने बताया कि गांव में लगभग 50 घर हैं, जिनमें से 17 भूस्खलन में दब गए हैं। पड़ोसी ठाणे से भी बचाव दल भी मौके पर भेजे गए हैं। यह गांव मोरबे बांध से छह किमी दूर है, जो नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है। यह माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है और यह किला प्रबलगढ़ का एक सहयोगी किला है।

आदिवासी गांव, पक्की सड़क नहीं

इरशालवाड़ी एक आदिवासी गांव है जहां पक्की सड़क नहीं है। मुंबई-पुणे राजमार्ग पर चौक गांव निकटतम शहर है। 30 जुलाई 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है। भूस्खलन की उस घटना में लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव में तबाही मच गई थी और मरने वालों की अंतिम संख्या 153 बताई गई थी।


भीड़ में घुसी कार, नौ को रौंदा

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद शहर में तेज गति से आ रही एक कार बुधवार देर रात एक दुर्घटनास्थल पर खड़ी भीड़ में घुस गई, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि शहर के सैटेलाइट इलाके में सरखेज-गांधीनगर राजमार्ग के इस्कॉन पुल पर दो वाहनों के बीच टक्कर होने के बाद लोगों की भीड़ एकत्र थी, तभी देर रात करीब एक बजे तेज गति से आ रही एक लग्जरी कार भीड़ में घुस गई जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि दो वाहनों की टक्कर के बाद घटनास्थल पर पहुंचे एक कांस्टेबल और होम गार्ड का एक जवान भी कार के भीड़ में घुसने के कारण जान गंवाने वाले लोगों में शामिल हैं। सैटेलाइट पुलिस थाना निरीक्षक के.वाई. व्यास ने कहा, देर रात करीब एक बजे एस.जी. राजमार्ग में इस्कॉन पुल पर एक वाहन ट्रक से टकरा गया था। हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय यातायात पुलिस और होम गार्ड का एक जवान यातायात नियंत्रित करने और स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पहुंचे। कई अन्य लोग भी उत्सुकतावश यह देखने के लिए घटनास्थल पर एकत्र हो गए कि क्या हुआ है। उन्होंने कहा, जब वे पुल पर खड़े थे, तभी तेज रफ्तार से आ रही एक जगुआर कार भीड़ में घुस गई, जिससे पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और चार लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में एक कांस्टेबल और होम गार्ड का एक जवान भी शामिल हैं। घायल हुए लगभग 10 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारी ने बताया कि कार चालक तथ्य पटेल को भी चोटें आई हैं और उसे भी एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर खड़े लोगों ने कार चालक की पिटाई की, जिसका वीडियो पुल के नीचे खड़े एक व्यक्ति ने बना लिया। पुलिस उपायुक्त (यातायात) नीता देसाई ने बताया कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेगी कि पीड़ितों के परिजन को न्याय मिले। देसाई ने सोला सिविल अस्पताल में कहा, हादसे में नौ लोगों की मौत हुई और 10 से 11 लोग घायल हो गए। यह शराब पीकर गाड़ी चलाने का मामला नहीं लगता है, लेकिन हमारी प्राथमिक जांच में पता चला है कि जगुआर कार की गति अत्यधिक तेज थी। तथ्य पटेल का उपचार अभी जारी है, इसलिए हम चिकित्सकों से अनुमति मिलने के बाद ही उसे गिरफ्तार करेंगे। सूत्रों ने बताया कि हादसे में हताहत हुए अधिकतर लोग अन्य शहरों के रहने वाले थे और यहां ‘पेइंग गेस्ट’ के रूप में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि पहले हादसे की सूचना मिलने के बाद वे उत्सुकतावश पुल पर गए थे और कुछ ही मिनटों बाद तेज रफ्तार कार कर्णावती क्लब की तरफ से आई और भीड़ पर चढ़ गई। मृतकों के माता-पिता और उनके परिवार के अन्य सदस्य सोला सिविल अस्पताल पहुंचे और उन्होंने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। इस्कॉन पुल के नीचे का चौराहा रात में युवाओं के लिए घूमने का एक लोकप्रिय स्थान है। वे वहां चाय पीने और नाश्ता करने आते हैं। इसके अलावा अन्य कस्बों और शहरों में जाने के लिए भी लोग बस या निजी वाहन के इंतजार में इस्कॉन चौराहे पर खड़े होते हैं।

18-19 साल का लड़का चला रहा था कार

शुरुआती जानकारी के मुताबिक जगुआर कार को तथ्य पटेल चला रहा था। उसकी उम्र लगभग 18-19 साल है। तथ्य के पिता प्रग्येश पटेल गैंगरेप के एक मामले में आरोपी रह चुके हैं। घटना के बाद से आरोपी ड्राइवर का पूरा परिवार गायब है। पुलिस ने बताया कि जगुआर में एक दूसरा लड़का और एक लड़की भी सवार थी। इनके बारे में ज्यादा जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।

ट्रक-थार की टक्कर के बाद जमा हुई थी भीड़

पुलिस के मुताबिक, ओवरब्रिज पर एक महिंद्रा थार कार एक डंपर से पीछे से टकरा गई। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। तभी राजपथ क्लब की ओर से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही जगुआर ने भीड़ को कुचल दिया। मृतकों में बोटाद और सुरेंद्रनगर के युवक शामिल हैं।

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