मणिपुर दरिंदगी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार कदम उठाए वर्ना हम लेंगे एक्शन

—-मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया, इंफाल से दिल्ली तक बवाल

— देश को शर्मसार करने वाला आरोपी शिकंजे में

—-देशभर में गुस्सा, संसद में विपक्ष ने सरकार को घेरा

—-पीएम मोदी ने बोले- किसी गुनहगार को बख्शेंगे नहीं

इंट्रो

मणिपुर में कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनके साथ गैंगरेप के वीडियो ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इंफाल से लेकर दिल्ली की संसद तक इस मुद्दे की गूंज सुनाई दी। महिलाओं पर इस तरह की बर्बरता को लेकर लोगों में आक्रोश है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार कदम उठाए, वर्ना हम एक्शन लेंगे।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने के वीडियो से वह ‘बहुत व्यथित’ है और उसने इसे ‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस वीडियो पर संज्ञान लिया और केंद्र तथा मणिपुर सरकार से फौरन कार्रवाई करने को कहा। उसने कहा कि तनावपूर्ण माहौल में हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल करना पूरी तरह अस्वीकार्य है और ये दृश्य संविधान और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन दर्शाते हैं। पीठ ने कहा, ‘मणिपुर में दो महिलाओं की जिस तरीके से परेड करायी गयी है, उसकी कल आयी वीडियो से हम बहुत व्यथित हैं।’ भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सरकार वाकई में आगे आए और कार्रवाई करे क्योंकि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है तो फिर हम कार्रवाई करेंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि साम्प्रदायिक रूप से तनावपूर्ण इलाके में हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘बहुत व्यथित’ करने वाला है तथा यह ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ है। उन्होंने कहा, ‘यह संवैधानिक और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।’ उन्होंने कहा कि अदालत इस तथ्य से अवगत है कि बुधवार को सामने आया यह वीडियो चार मई का है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे ही पीठ मामलों पर सुनवाई के लिए बैठी तो सीजेआई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अदालत आने के लिए कहा था। सीजेआई ने दोनों विधि अधिकारियों से कहा, दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए मई से लेकर अब तक क्या कार्रवाई की गयी और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कार्रवाई कर रही है कि यह दोबारा न हो क्योंकि कौन जानता है कि यह अकेली घटना हो, अकेली घटना न हो, यह कोई प्रवृत्ति हो। उन्होंने कहा कि इतिहास में तथा दुनियाभर में इन हालातों में हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन ‘किसी संवैधानिक लोकतंत्र में यह अस्वीकार्य है। सीजेआई के विचारों से सहमति जताते हुए मेहता ने कहा कि ऐसी घटनाएं पूरी तरह ‘अस्वीकार्य’ है। मेहता ने कहा कि सरकार भी इस घटना को लेकर बहुत चिंतित है और वह अदालत को इस संबंध में उठाए कदमों की जानकारी देंगे। पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की है।

मुख्य आरोपी अरेस्ट

पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। आरोपी का नाम हुइरेम हेरोदास मैतेई है, जिसकी उम्र 32 साल है। यह शख्स वीडियो में हरी टी शर्ट पहने दिख रहा है, जिसने एक महिला को दोनों हाथों से पकड़ा हुआ है। आरोपी पेची अवांग लीकाई का रहने वाला है। उसे थाउबल जिले से अरेस्ट किया गया है।

ट्विटर से वीडियो हटाने का निर्देश

उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुरुवार को औपचारिक निर्देश देते हुए ट्विटर इंडिया से मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने से संबंधित वीडियो हटाने के लिए कहा है। एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट कर बताया, ट्विटर इंडिया के सार्वजनिक नीति प्रमुख को औपचारिक निर्देश में उस वीडियो को हटाने के लिए कहा है, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र अवस्था में घुमाए जाने के घृणित कृत्य को दिखाया गया है। इस वीडियो से पीड़ितों की पहचान उजागर होती है और यह एक दंडनीय अपराध है।

4 मई की घटना

यह घटना इंफाल से लगभग 35 किमी दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं और उनसे मिन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दोनों सदन में कामकाज रहा बाधित

मणिपुर में करीब दो महीने से जारी जातीय हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान देने और उसके बाद चर्चा कराने की मांग को लेकर मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। इसके कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद विपक्षी दलों ने राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।

मोदी बोले-शर्मसार करने वाली घटना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इस क्रूर घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले में कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है। इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्रदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।

पीएम मोदी से सोनिया ने चर्चा का किया आग्रह

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि सदन में मणिपुर की स्थिति को लेकर चर्चा कराई जाए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह जानकारी दी। सोनिया गांधी ने मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा के भीतर प्रधानमंत्री मोदी के साथ संक्षिप्त बातचीत के दौरान यह मांग की। सदन की बैठक आरंभ होने से कुछ देर पहले मोदी ने सदन में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों की दीर्घा की तरफ जाकर नेताओं का अभिवादन किया। जब वह विपक्ष की दीर्घा के पास पहुंचे तो सोनिया गांधी के साथ उनकी थोड़ी देर बातचीत हुई। संसद सत्र के पहले दिन नेता आमतौर पर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं।

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